प्रेम जीवन का आधार है और इसके बिना ज़िंदगी कुछ वैसी ही है जैसे बिना पानी के नदी यानी बिना प्यार के ज़िंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती है। हां, ये प्यार हमेशा अलग-अलग रूप और रंग में हमारी ज़िंदगी में शामिल होता है, बस हमें इसे पहचानने की ज़रूरत है।
घर
सुबह जल्दी उठकर अपने बच्चों के लिए हेल्दी नाश्ता बनाना जिसे देखकर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल जाएं, ये एक मां का प्यार है। कभी कुछ गलती करने पर डपट देना और गुस्सा दिखाना या नाराज हो जाना भी प्यार ही है जो अपने बच्चों को हमेशा गलत रास्ते पर जाने से बचाने के लिए एक मां करती है। एक बहन का अपने छोटे भाई का हाथ पकड़कर चलना, सीढ़ियों पर भी उसे अकेला न छोड़ना प्यार नहीं तो और क्या है। बहन के बिना मांगे उसे मोबाइल/लैपटॉप गिफ्ट करना ताकि उसे पढ़ाई में मदद मिल सके, फिक्र के रूप में यह भी तो स्नेह ही है। आंगन की सुनहरी धूप में जब दादी अपने नन्हें-मुन्ने की मालिश करती है और वह टुकुर-टुकुर उन बूढ़ी आंखों को निहारता है तो दोनों की आंखों में बस प्यार होता है।
स्कूल/कॉलेज
जब बच्चा पेंसिल से सीधी लाइन नहीं खींच पाता, तो एक टीचर उसके बगल में बैठकर उसका हाथ पकड़कर लाइन खींचना सिखाती है, पेंटिग, कलरिंग सब कुछ सिखाती है, सिखाने की इस प्रक्रिया में सबसे ज़्यादा प्यार छिपा होता है। कॉलेज के आखिरी साल में जब दोस्त का प्लेसमेंट किसी बड़ी कंपनी में हो जाए, तो उसका बैग पैक करना, उसे टाई लगाना सिखाना और सही बॉडी लैंग्वेज विकसित करने में मदद करना… सब निश्छल स्नेह वाली दोस्ती ही तो है। इस प्यार को इंसान जीवनभर नहीं भूलता।
ऑफिस
आप आज देर से ऑफिस पहुंचे, मगर आपके साथी ने बॉस के कहा कि आप समय पर आ गए है, इतना ही नहीं आपके हिस्से का थोड़ा काम भी कर दिया ताकि बॉस को शक न हो, तो आपके साथी की यह परवाह भी तो प्यार जताने का ही एक तरीका है। आपकी झुकी नज़रे और बुझे चेहरे को देखकर ही जब कलीग समझ जाएं कि कुछ तो ठीक नहीं है आपके साथ और आपका मूड अच्छा करने के लिए कोई जोक शेयर करें या आपको बाहर ले जाने की ज़िद्द करें तो यह प्यार ही है।
अस्पताल
नर्स जब किसी नवजात को गोद में लेती है और पहली बार उसे नहलाती है, किसी मरीज को मुस्कुराकर दवा देती है और बदले में मरीज भी मुस्कुराता है तो यह दोनों के बीच इंसानी प्रेम की भावना है।
पहली बार किसे से मिलते ही दिल दे देना, उसकी आंखों में खो जाना और इस प्रेम को शादी में बदलकर नई ज़िंदगी की शुरुआत। इस शुरुआत में दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक का शरीक होना भी उनका प्यार ही है।
तो घर से लेकर बाहर और ऑफिस सब जगह प्यार छुपा है, बस आपको उसे पहचानने और बदले में प्यार लौटाने की ज़रूरत है।
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