अपनी कलम से बिखेरे मोती
जब भी कविताओं या रचनाओं की बात होती है, तो देश की कई ऐसी कवियत्रियों और लेखिकाओं के नाम दिमाग में आते है, जिन्होंने देश की आज़ादी से लेकर समाज को कुरीतियों से निकलाने में अहम भूमिका निभाई है। बहिनाबाई चौधरी महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी बहिनाबाई पढ़ी- लिखी नहीं थी, इसके बावजूद उनकी गिनती अपने समय के प्रसिद्ध कवियों में होती है। वह अपनी कविताओं को ज़ुबान देती थी, जिनको उनके बेटे सोपनदेव ने कलम से आकार दिया। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे ने अपनी मां की रचनायें प्रहलाद केशव (आचार्य) आत्रे को सुनाई, जिसके बाद उनकी एक […]