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किसी ज़रूरतमंद की मदद ही सबसे बड़ी सेवा है, इसलिए तो बेंगलुरु के सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले 40 छात्रों ने दो साल तक लोगों की सेवा करने की शपथ ली है। डिग्री हासिल करने वाले ये छात्र दो साल तक देश के पिछड़े और गरीब इलाकों में जाकर लोगों का इलाज करेंगे। डॉक्टरों की ये पहल वाकई सराहनीय हैं और आप भी कई तरीकों से गरीब और ज़ररूतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। कैसे करें मदद? सम्मान दें आमतौर पर गरीबों को देखकर लोग उन्हें हीन भावना से देखते है, जिससे वह […]
एक बड़े अखबार में रिपोर्टर होने के नाते खबरों की तलाश में *रेनू को मुबंई के एक कोने से दूसरे कोने में घूमना ही पड़ता है। इसके बाद रिपोर्ट फाइल करके घर के लिए निकलने में अक्सर उसे देर रात हो ही जाती है। हालांकि कई बार उसके साथ ऑफिस के साथी होते है पर कभी कभी रेनू को अकेले भी ट्रैवल करना पड़ता है। हज़ारों मुबंईकरों की तरह मुबंई की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली लोकल ट्रेन उसका भी सहारा है। एक दिन देर तक काम करके रेनू ऑफिस से अकेले निकली और रोज़ की तरह अपने घर के […]
ज़िंदगी में बहुत कुछ ऐसा होता है, जिस पर हमारा कंट्रोल नहीं होता, हम उसे रोक नहीं सकते, लेकिन अपनी भावनाओं पर तो हमारा वश होता है न? किसी वजह से जब गुस्सा आए तो गुस्से और एंग्ज़ाइटी वाले माहौल में खुद को शांत करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, वरना ये गुस्सा मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है। इसे कम करने के कुछ आसान तरीके है, जिसे आप आसानी से अपना सकते है। गहरी सांस लें जब भी किसी इंसान या बात पर गुस्सा आये, तो तुरंत आंखें बंद करके गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। यह प्रक्रिया कई बार […]
कोलकाता के ट्रैफिक पुलिस वाले की सूझबूझ से 60 साल के बुज़ुर्ग की जान बच गई। बुज़ुर्ग के अचानक बेहोश हो जाने पर पुलिसवाले ने इमरजेंसी सर्विस में फोन तो किया ही, साथ ही अपने पास मौजूद कुछ दवाईयां भी दीं, जिससे बुज़ुर्ग की जान बच गई। क्या था हादसा? कोलकाता के जतिन दास मेट्रो स्टेशन पर स्वपन कुमार दास नाम के बुज़ुर्ग अचानक से बेहोश हो गये। जानकारी मिलते ही ट्रैफिक पुलिस सार्जेंट बिप्लब मंडल मौके पर पहुंचे और बुज़ुर्ग को सबसे पहले ओआरएस का घोल का घोल पिलाया। दरअसल, दास डायबिटीज़ पेशेंट है और शुगर लेवल बैलेंस न […]
19वीं शताब्दी के वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सबसे पहले पेड़ों में जान होने की बात साबित की थी और कहा था कि पौधों का महसूस करने का अपना एक अलग तरीका होता है। एक पत्ती तोड़ते वक्त भी हम नहीं जानते कि वे किस दर्द से गुजर रहे होंगे। जगदीश चंद्र बसु की इस बात को हम आमतौर पर भूल जाते हैं और अपने फायदे के लिये पेड़ों को नुकसान पुहंचाते है, लेकिन पुणे के माधव पाटिल इस बात को समझते हैं। इसी लिये तो वह दो साल से पेड़ों को कील की चुभन से आज़ादी दिला रहे हैं […]
कभी आपने नोट किया है कि जब भी आप खुश होते हो, तो आपको शरीर में पॉज़िटिव एनर्जी महसूस होती है। यह एनर्जी आपको न केवल इमोशनल बल्कि शारीरिक तौर पर भी मज़बूत करती है। आपकी खुशियां आपके हाथ में होती हैं और कुछ ऐसा ही मानना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का भी था। वह कहते थे कि आमतौर पर लोग जितना खुश होना चाहते हैं, उतने ही खुश रहते हैं। इसका मतलब है कि खुशियां किसी भी बाहरी चीज़ पर निर्भर नहीं करती, वह आपके दिमाग के अंदर पैदा होती हैं। आइये, आपको कुछ ऐसी बाते बताते […]
रात के करीब एक बज चुका था, *अनंदिता रोज़ की तरह की देर रात तक ऑफिस में बैठी काम किये जा रही थी। जैसे ही उसके साथी कर्मचारी ने आकर ऑफिस कैब के बारे में बताया, तो उसे होश आया कि अब घर भी जाना है। परिवार से दूर बेंगलूरु में अकेले काम करते हुये उसे अब तो दो साल हो गये थे। सारा दिन काम करके अनंदिता काफी थक गई थी और उसे अपने बॉस पर गुस्सा आ रहा था। प्रॉजेक्ट डिलिवरी का टाइम पास आ रहा था और उसके बॉस दो दिन के बाद अपनी शादी के लिए […]
जब भी कविताओं या रचनाओं की बात होती है, तो देश की कई ऐसी कवियत्रियों और लेखिकाओं के नाम दिमाग में आते है, जिन्होंने देश की आज़ादी से लेकर समाज को कुरीतियों से निकलाने में अहम भूमिका निभाई है। बहिनाबाई चौधरी महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी बहिनाबाई पढ़ी- लिखी नहीं थी, इसके बावजूद उनकी गिनती अपने समय के प्रसिद्ध कवियों में होती है। वह अपनी कविताओं को ज़ुबान देती थी, जिनको उनके बेटे सोपनदेव ने कलम से आकार दिया। उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे ने अपनी मां की रचनायें प्रहलाद केशव (आचार्य) आत्रे को सुनाई, जिसके बाद उनकी एक […]
जैसा नाम, बिलकुल वैसा ही व्यक्तित्व। 56 साल की संगीता शर्मा ने अपने नाम को सार्थक करते हुए सारा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया है। वैसे तो वह दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बतौर म्यूज़िक टीचर कार्यरत हैं, लेकिन अपना बाकी समय वह बच्चों को संगीत की शिक्षा देने में बिताती हैं और इतनी ही नहीं, वह आर्थिक रूप से कमज़ोर न जाने कितने बच्चों को संगीत की शिक्षा दे चुकी हैं और उन छात्रों में से कई अब खुद संगीत के शिक्षक बन चुके हैं। संगीत मिला विरासत में संगीता शर्मा को संगीत विरासत में मिला है। […]
आइक्रिएट जो दिखायेगी सही दिशा, पढ़िये इस मेड इन इंडिया के बारे में इस लेख में –
समाज को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे, तो देश का विकास खुद ब खुद होने लगता हैं। कुछ ऐसी ही सोच नज़ीमाबाद के एसडीएम डॉक्टर पंकज कुमार वर्मा रखते हैं।
आज ऐसे भी लोग हैं, जिनके लिए मोबाइल फोन रखना बहुत बड़े सपने जैसा है और इस सपने को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने एक कदम उठाया है।
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