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पुणे के एक गांव में बुजुर्गं महिलाएं अपने जीवन के सबसे बड़े सपने को पूरा कर रही है और वह है शिक्षा का। गांव की दादी-नानियों की ये दिलचस्प कहानी पढ़िए इस लेख में –
एक स्कूल जहां केवल एक बच्ची और दो टीचर्स आते हैं, क्या है इसकी पूरी जानकारी पढ़िये इस लेख में –
स्कूली बच्चों ने अपने मिड-डे मील का खुद इंतज़ाम किया है। यह कैसे हुआ, जानिए इस लेख में-
अब ट्रेन के डिब्बे बन गए है, बच्चों के क्लासरूम। शायद सुनने में अजीब लगे, लेकिन ये हो रहा है मैसूरू के सरकारी स्कूल में। क्या है इसकी पूरी कहानी पढ़िये इस लेख में –
बच्चों के गुस्से को कंट्रोल करने की सीबीएसई ने एक नई पहल शुरू की है। क्या है ये पहल और इसके फायदे जानने के लिए पढ़िए ये लेख-
एक ऐसा एनजीओ, जो स्कूली बच्चों और टीचर्स को मोटिवेशनल कार्यक्रमों के ज़रिये प्रेरणा देती है, पढ़िये इस लेख में –
सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी की स्थिती को सुधारने के लिए आईएएस ने शुरु की पहल, कैसे शुरु हुई यह पहल जानिये इस खास लेख में-
अगर आप भी गेमिंग की लत से परेशान है, तो आपके लिये यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है-
बच्चों के मोटापे को कम करने के लिये एक नई स्टडी आई है, पढ़िये इसके बारे में-
जब भी देश के सरकारी स्कूलों की बात होती है, तो स्कूलों के बदतर हालत के बारे में हर कोई बात करता है। पर आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब के सीमावर्ती गांव में एक ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां न सिर्फ बेहतरीन बुनियादी सुविधायें, बल्कि किसी भी प्राइवेट स्कूल में मिलनी वाली फैसिलिटीज़ भी है और यह सब मुमकिन हुआ स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षकों की बदौलत। सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही आमतौर पर लोगों के दिमाग में पुरानी बिल्डिंग, टूटे-फूटे बेंच वाला क्लास रूम और बेरंग दीवारों की तस्वीर उभरती है और सच ही है हमारे देश […]
यदि छोटी उम्र से ही बच्चों को खुद के साथ ही अपने आस-पड़ोस को भी साफ-सुथरा रखने की आदत सिखाई जाये, तो आगे चलकर स्वच्छ गांव और शहर का निर्माण आसान होगा। कुछ इसी तरह की सोच के साथ गोवा के स्कूलों में अब से वेस्ट मैनेजमेंट यानी कचरा प्रबंधन सिखाया जायेगा। मेघालय का मावलिननॉन्ग एक छोटा सा और बहुत ही खूबसूरत गांव है। इसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा प्राप्त है। गांव को यह दर्जा दिलाने का श्रेय किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं, बल्कि हर गांववाले को जाता है, जिन्होंने खुद ही अपने गांव को कचरा मुक्त […]
आजकल के बच्चे जब सारा दिन मोबाइल या लैपटॉप पर लगे रहते है, तो उन्हें किताबें पढ़ाना भी बहुत ज़रूरी हो जाता है। इससे न सिर्फ उनका दिमागी विकास होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अगर बच्चों को एक बार पढ़ने की लत लग जायें, तो वह खुद ब खुद ही टीवी, मोबाइल जैसे गैजेट्स के दूर होने लगेंगे। क्यों ज़रूरी है पढ़ना? कुछ लोगों को पढ़ने का शौक होता है, कहीं भी किताब दिखी तो उठाकर पढ़ने लग जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह आदत न सिर्फ आपको रचनात्मक बनाती है, बल्कि मानसिक […]
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