कोई आपकी कार को ओवरटेक कर ले या ऑफिस में कलीग आपकी बात को काट दें, तो क्या आपका बीपी भी हाई हो जाता है? अगर आपका हर छोटी-छोटी बात पर पारा चढ़ने लगे, तो यह आपकी सेहत और रिश्तों के लिये ठीक नहीं है। ज़्यादा गुस्सा आपकी सेहत के लिये खतरनाक हो सकता है, इसलिये इस पर काबू रखें।
सोच समझकर बोलें
गुस्से में कुछ भी बोलने से बचना चाहिये क्योंकि जब इंसान बहुत गुस्से में होता है, तो उसे खुद पता नहीं चलता कि उसके मुंह से कितनी कड़वी बातें निकल रही हैं। इसलिये गुस्सा आने पर बेहतर होगा कि शांत रहे और थोड़ी देर बाद सोच समझकर कुछ कहें।
शांत होने के बाद गुस्सा ज़ाहिर करें
किसी का दिल दुखाने या आपके साथ बुरा कुछ करने पर उस इंसान के प्रति गुस्सा आना जायज़ है, लेकिन इस गुस्से का इज़हार तुरंत करने की बजाय थोड़ी देर बाद करें। जब आपका गुस्सा शांत हो जाये, तो आप अपनी बात ज़रूर रखें। इसके साथ यह भी ध्यान दें कि सामने वाले का दिल न दुखायें, किसी को दोष न दें। बस अपना पक्ष रखें और आपको जो तकलीफ हुई उसे बयां करें।
थोड़ी एक्सरसाइज़
तनाव की वजह से भी गुस्सा आता है, इसलिये स्ट्रैस दूर करने के लिये रोज़ाना थोड़ी कसरत कर लें। जब भी आपको किसी बात पर गुस्सा आये, तो टहलने निकल जायें। बाहर की खुली हवा में थोड़ी देर चलने से दिमाग शांत हो जाता है।
खुद को ब्रेक दें
पूरे दिन लगातार काम करते रहने से भी गुस्सा और चिड़चिड़ापन होता है, इसलिए काम के बीच-बीच में खुद को रिलैक्स होने के लिए समय दें। चाय पीने के बाहर निकल जाये या कुछ समय के लिये अपना फेवरेट म्यूज़िक सुन लें। इससे दिमाग रिलैक्स हो जायेगा।
समस्या सुलझाने पर फोकस करें
जिन बातों पर आपको गुस्सा आता है, उन बातों को सोचने की बजाय समाधान ढ़ूंढे। जैसे बच्चा पढ़ने के लिये परेशान करता है, तो उस पर गुस्सा होने की बजाय आप उसके साथ एजुकेशनल गेम्स खेलें या प्यार से समझाये। हो सकता है कि आपके पढ़ाते समय गुस्सा करते हो, इसलिये वह आपसे पढ़ने से बचता हो। गुस्सा पैदा करने वाले हालात को सुधारने की कोशिश ज़्यादा ज़रूरी है।
रिलैक्सिंग टेक्नीक
खुद को शांत रखने के लिए मेडिटेशन और ब्रिदिंग एक्सरसाइज़ करें, इससे आप हर हालात में शांत रहना सीख जायेंगे।
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