समझें अपने अंदर के डर को

समझें अपने अंदर के डर को

अगर लगातार मन में डर की भावना रहती है, तो डॉक्टर से लें सलाह
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

‘डर’ एक ऐसी भावना, जो हर व्यक्ति अपने आम जीवन में अक्सर महसूस करता है। किसी को ऊंचाई का डर, तो किसी को घर-घर में पाई जाने वाली छोटी सी छिपकली का डर। डर एक बहुत सामान्य सी भावना है, जो मनुष्य ही नहीं बल्कि हर जीव के अंदर होती है। जब भी कोई जीव अपने आस-पास खतरा महसूस करता है, तो उसे डर की भावना आ जाती है। जहां तक बात अपनी सुरक्षा से जुड़ी हो, वहां डर का महसूस होना स्वभाविक है, जैसे किसी को अंधेरे में इसलिए डर लगता है कि कहीं उसे चोट न लग जाए, ऐसा डर होना आम बात है। लेकिन अगर आप हॉरर फिल्में देख कर अपने अंदर बिना सिर-पैर का डर बिठा लें, तो उस डर का होना ठीक नहीं क्येंकि एक सीमा से ज़्यादा डर गंभीर मानसिक विकार का रूप ले सकता, जिसे लोग फोबिया भी कहते हैं।

कई लोगों को किसी खास जगह, स्थिति या चीज़ से इतना ज़्यादा डर लगने लगता है कि उनकी निजी ज़िंदगी प्रभावित होने लगती है। ऐसे डर को ही फोबिया कहते हैं और यह चिंता से अलग होता है। अगर आपको किसी चीज़ का फोबिया है, तो परेशान होनी की ज़रूरत नहीं। आज मेडिकल साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि सही दवाओं से आप अपने फोबिया से छुटकारा पा सकते हैं।

फोबिया के कारण

कोई भी व्यक्ति जेनेटिक और पर्यावरण से जुड़ी वजहों से फोबिया का शिकार हो सकता है। ऐसे बच्चे जिनके परिवार में किसी को एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर हो, वो फोबिया के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा ऐसी घटनाएं, जिससे तनाव पैदा हो, जैसे आंखों के सामने किसी का एक्सिडेंट देखना, किसी को डूबते हुए देख लेना आदि फोबिया को जन्म दे सकते हैं। कुछ लोगों के मन में ब्रेन की सर्जरी होने के बाद अजीब से फोबिया जन्म लेते हैं। कई बार जरूरत से ज्यादा डांट-फटकार और डिप्रेशन के कारण भी फोबिया हो सकता है।

फोबिया के लक्षण

फोबिया के कई लक्षण होते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य लक्षण नीचे बताए गए हैं।

  • धड़कन बढ़ जाना
  • ठीक से सांस न ले पाना
  • मुंह सूखना
  • तेज़ न बोल पाना या बोल ही न पाना
  • पेट में मरोड़ होना
  • ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
  • हाथ-पैर कांपना
  • सीने में दर्द होना
  • घबराहट होना, चक्कर आना या हल्कापन महसूस होना
  • बहुत ज़्यादा पसीना आना

फोबिया का इलाज

फोबिया बहुत सारे प्रकार का होता है, जिसका इलाज थेरेपी और दवाओं से हो सकता है। यह कोई छूआछूत की बीमारी नहीं है, बल्कि आम समस्या है। इसके इलाज के लिए, केवल डॉक्टर के परामर्श पर ही एंटी-एंग्ज़ाइटी दवाएं ले सकते हैं। इसके अलावा कॉग्निटिव बिहेविरल थेरेपी यानि संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी या सीबीटी के ज़रिए भी इलाज किया जा सकता है। इसमें मरीज़ का सामना नियंत्रित स्थिति में उस चीज से करवाया जाता है, जिससे वह डरता है। इस इलाज से मरीज़ धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है और उसकी एंग्जाइटी की समस्या खत्म होने लगती है।

अगर आपको किसी भी प्रकार का फोबिया है, तो आपको मुश्किल भले ही हो, लेकिन सही इलाज और पक्के इरादे से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

और भी पढ़िये :  ‘ना’ कहना है आसान, आज़माएं 7 कारगर तरीके

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम  पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.