दूसरी लहर थमने के कुछ ही महीनों बाद से विशेषज्ञ लगातार तीसरी लहर की बात कहते आ रहे हैं और अब कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन जिस तेज़ी से देश में पैर पसार रहा है, उसे देखते हुए तो यही लग रहा है कि शायद तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तो कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ रहे हैं। इसलिए अब हर किसी को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
क्या है ओमिक्रोन के लक्षण?
ठंड के मौसम में फ्लू, सर्दी-खांसी आम है, ऐसे में सामान्य सर्दी-खांसी और कोविड के लक्षणों में अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए किसी तरह की शिकायत होने पर बेहतर होगा कि डॉक्टर से सलाह लें। विशेषज्ञों के मुताबिक, ओमीक्रॉन के कुछ सामान्य लक्षण है-
- बहुत अधिक थकान व मांसपेशियों में दर्द
- गले में खराश, चुभन या दर्द
- हल्का बुखार
- रात को पसीना आना और शरीर में दर्द
- सूखी खांसी भी हो सकती है।
कोरोना के पिछले वेरिएंट की तरह इसमें स्वाद, सुगंध जाने की समस्या नहीं हो रही और न ही बंद नाक और सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
कैसे करें बचाव?
ओमीक्रोन से बचाव के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का ही पालन करना एकमात्र उपाय है। यानी हमेशा मास्क पहनें, हाथों को सैनिटाइज़ करें या साबुन से धोएं, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कपड़े वाली मास्क की बजाय एन 95 मास्क और मेडिकल मास्क संक्रमण से बचाव में ज़्यादा कारगर है। मास्क को हमेशा सही तरीके से पहनना और उतारना भी ज़रूरी है।
राज्य सरकारों ने लगाई पाबंदियां
तेज़ी से बढ़ते ओमीक्रोन के मामले को देखते हुए राज्य सरकारों ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी है और नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य में आने वाले हर शख्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। बस और रेलवे स्टेशन पर कोविड टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं उत्तराखंड में रैंडम टेस्टिंग का नियम बनाया गया है। सबसे अधिक ओमीक्रोन मरीज वाले राज्य महाराष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी यात्रियों को 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
वहीं दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सिर्फ जरूरी सेवाओं की इजाजत दी है। लोकल ट्रेन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शाम सात बजे तक चलेंगी। इसके साथ ही स्कूल-कॉलेज, स्पा, पार्लर, पार्क सब बंद कर दिए गए हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में पाबंदियां और सख्त हो सकती हैं। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को कम करने के लिए ज़रूरी है कि आम नागरिक भी सरकार की गाइडलाइन का पालन करें जैसे- मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन का ख्याल रखें, भीड़ जमा न करें ।
खतरनाक नहीं, तो क्यों है डरने की ज़रूरत?
कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन को विशेषज्ञ कम खतरनाक बता रहे है। कहा तो यह भी जा रहा है कि ओमिक्रोन की वजह से यह मामूली सर्दी-खांसी बनकर रह जाएगा। बावजूद इसके विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे खतरनाक बता रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें संक्रमण फैलने की दर बहुत अधिक है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन बार-बार देशों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है, क्योंकि ओमिक्रोन की वजह से कोरोना की सूनामी आ सकती है जो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बहुत घातक साबित होगी। ओमिक्रोन अभी नया है और इसे लेकर बहुत अधिक अध्ययन नहीं हुआ है, इसलिए यह मानकर चलना की यह घातक नहीं होगा, ठीक नहीं है।
क्या वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके लोग सुरक्षित हैं?
टीकों की दोनों खुराक ले चुके लोग भी ओमिक्रोन की चपेट में आ रहे हैं, हालांकि वह गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे। ऐसे में सतर्क रहना ज़रूरी है।
क्या ओमिक्रोन खत्म कर देगी महामारी?
कुछ विशेषज्ञ भले ही यह दावा कर रहे हो कि ओमिक्रोन ज़्यादा खतरनाक नहीं है और यह कोरोना को कुदरती रूप से खत्म कर देगा, लेकिन डब्ल्यूएचओ इस दावे को खारिज करता है। उसके मुताबिक, ओमिक्रोन नेचुरल वैक्सीन की तरह काम करेगी या नहीं इस संबंध में कोई रिसर्च नहीं हुई है, इसलिए यह दावा नहीं किया जा सकता कि ओमिक्रोन महामारी को खत्म कर देगी।
कोरोना एक बार फिर से पैर पसार रहा है और इस बार रफ्तार कई गुणा ज़्यादा है, इसलिए लापरवाही भारी पड़ सकती है। बेहतर होगा कि मास्क लगाएं और नियमों का पालन करें।
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