जनजीवन बढ़ाने के लिये धरती को बचाना ज़रूरी

जनजीवन बढ़ाने के लिये धरती को बचाना ज़रूरी

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जिस तरह मां अपने बच्चों की हर ज़रूरत का ध्यान रखती है, ठीक उसी तरह धरती भी अपने बच्चों, यानि सभी जीव-जंतुओं का ख्याल रखती है। हमारी बेसिक ज़रूरतों के लिए उसने बेहद सरल इंतज़ाम किया है, जैसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, प्यास बुझाने के लिए शुद्ध पानी, भूख मिटाने के लिए फल और सब्ज़ियां, मन को तरोताज़ा रखने के लिए हर तरफ हरियाली और न जाने कितनी चीज़ें धरती हमें देती है।

लेकिन क्या कभी सोचा है कि धरती से मिले इन संसाधनों के साथ हमने क्या किया है, उनका किस कदर दुरुपयोग किया है। मिसाल के तौर पर, एक ही घर के दो सदस्यों को अगर आसपास की लोकेशन पर जाना होता है, तो वह कार या स्कूटर पूल करने की बजाय अलग अलग जाना पसंद करते है। इससे प्रदूषण कितना बढ़ता है, इस पर कोई गौर नहीं करता। इसके अलावा ब्रश करते या बरतन धोते समय ज़्यादातर लोग नल खुला छोड़ देते हैं, यह सोच कर कि इतने से पानी से क्या फर्क पड़ता है। लोग समुद्र के पानी और पीने के पानी के बीच के फर्फ को नहीं समझते। ऐसी ही न जाने कितनी छोटी-छोटी बातें हैं, जिन्हें मनुष्य हर रोज़ नज़रअंदाज़ कर देता है।

क्या है अर्थ डे?

रोज़ाना की छोटी-छोटी बातों पर रोशनी डालने के लिए हर साल पूरी दुनिया में 22 अप्रैल को ‘इंटरनेशनल मदर अर्थ डे’ मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘प्रोटेक्ट अवर स्पीशीज़’ है, यानी धरती की स्पीशीज़ को बचाने के लिए नेचुरल वातावरण बनाये रखना। इंसान विकास और तरक्की के पीछे इतनी तेज़ी से दौड़ रहा है कि उसने यह देखना तक बंद कर दिया है कि उसके इस कदम से न जाने कितने जानवर और स्पीशीज़ खतरे में हैं।

अब गौरेया की बात करें, तो पहले ये घर के आसपास फुदकती नज़र आ जाती थी, लेकिन अब ये मुश्किल से ही दिखती है, जिसका कारण मोबाइल टावर्स से निकलने वाला रेडिएशन है। ज़रा सोचिये, जो रेडिएशन एक पक्षी के खतरे का कारण बन जाये, वह इंसान पर भी कितना बुरा प्रभाव डालती होगी। इसके बावजूद हम फिर भी मोबाइल से ही चिपके रहते हैं।

जनजीवन बढ़ाने के लिये धरती को बचाना ज़रूरी
आओं बचाये धरती  | इमेज: फाइल इमेज

कैसे मनाएं वर्ल्ड मदर अर्थ डे

– जितना हो सके, नये पौधे लगायें

– बच्चों के ईकोसिस्टम की प्रक्रिया समझायें।

– प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें।

– रिसाइकल और रीयूज़ को फैशन में लायें।

– जगह-जगह कूड़ा न फैलायें, कहीं कुछ पड़ा दिखे, तो उसे उठाकर कूड़ेदान में डाल दें और कूड़ें को ड्राई या गीले के मुताबिक ही कूड़ेदान में डालें।

– धरती को बचाये रखने के लिए सेमिनार्स, डिस्कशन्स और अन्य एक्टिविटीज़ में भाग लें।

– लोगों को मोटिवेट करने के लिए इस दिन हरे, ब्राउन या नीले कपड़े पहनें।

– लोगों को एनर्जी कंज़र्व करने के प्रैक्टिकल तरीके बतायें।

ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाकर आप और हम अपनी धरती मां को तोहफा दे सकेंगे, जो कहीं न कहीं हमारी ही भलाई के लिए होगा।

और भी पढ़े: इस गुरुनानक जयंती, धरती को मिलेगा पौधों का तोहफा

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