हर कोई अच्छा इंसान ही बनना चाहता है, लेकिन समझ नहीं आता कि कैसे बना जाये क्योंकि हर दिन होने वाली घटनाएं हमारे धैर्य और गुस्से की परीक्षा लेती रहती है। अच्छा इंसान बनने का मतलब सिर्फ किसी और की नज़रों में अच्छा बनना नहीं है, बल्कि अंदर से बेहतर बनना है और इसके लिये आपको कुछ अच्छी आदतें अपनानी होंगी।
तनाव और गुस्से से दूर रहें
हर दिन नया टारगेट पूरा करने का दबाव, बॉस की डांट, कलीग से बहस या पार्टनर से झगड़े के कारण कभी आपको बहुत गुस्सा आ जाता है, तो कभी आप तनावग्रस्त हो जाते हैं, लेकिन आपको अब इस पर कंट्रोल करना होगा। जिन हालात और लोगों को आप बदल नहीं सकते, उसके बारे में सोचकर स्ट्रेस लेने की बजाय उसे नज़रअंदाज़ करना सीखिए। यदि किसी से ज़्यादा ही परेशान हो रहे है, तो बेहतर है कि आप उससे दूर रहने की कोशिश करें।

समय का सही इस्तेमाल
आपका समय बहुत अनमोल है, इसलिये उसे अर्थपूर्ण चीज़ों पर खर्च करें। परिवार के साथ घूमने जायें, कोई किताब, मैगज़ीन आदि पढ़ें। ऐसा कुछ भी काम जो आपके दृष्टिकोण को और व्यापक बनायें, उस पर समय खर्च करना चाहिये। वैसे कभी-कभार कुछ समय खुद को रिलैक्स होने के लिए भी दें। अपनी हॉबीज़ पर टाइम दें। इससे आपको अंदर से खुशी मिलेगी।
ध्यान से सुनें
अपनी बात रखने के साथ ही यह भी ज़रूरी है कि हम सामने वाले को ध्यान से सुनें, तभी हम चीज़ों को और हालात को सही ढंग से समझ पायेंगे। कस्टमर को बिज़नेसमैन की और बिज़नेसमैन को कस्टमर की बातें ध्यान से सुननी चाहिये। सुनने के साथ, यदि आपको सामने वाले की बात या सलाह सही लगे, तो उसपर अमल भी करें।

सहानुभूति
यह प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों स्तर पर रिश्तों को मज़बूत बनाता है और आपको एक बेहतर इंसान। जिस टीम लीडर को अपनी टीम से सहानुभूति होती है, उसकी टीम भी उसपर पूरा भरोसा करती है और मन लगाकर काम करती है। मालिक की सहानुभूति कर्मचारियों को एहसास दिलाती है कि उनकी भी अहमियत है। इसी तरह रिश्तों में सहानुभूति उसे और मज़बूत बनाती है।
सॉरी बोलने से न हिचकिचायें
गलती किसी से भी हो सकती है, कभी यह नहीं सोचना चाहिये कि मैं तो बड़ा या सीनियर हूं, तो जूनियर से माफी कैसे मांगू। जब भी गलती हो, तो बिना किसी संकोच के तुरंत माफी मांग लें। इससे न सिर्फ सामने वाले की नज़रों में आपकी इज्ज़त बढ़ेगी, बल्कि आप एक बेहतर इंसान बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
दूसरों की मदद
महात्मा गांधी ने कहा था, ‘अपने आपको को जीवन में ढूंढ़ना है, तो लोगों की मदद में खो जाओ।’ यह मदद किसी भी तरह की हो सकती है, पैसों से, बातों से किसी के काम में उसकी सहायता करके, कलीग के प्रोजेक्ट में उसकी सहायता आदि।
जीवन में अच्छा इंसान बनने के लिये ’मैं’ से ऊपर उठकर ‘हम’ के बारे में सोचिये और अच्छी आदतों को अपनाइयें।
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