फिज़िकल हेल्थ के साथ मेंटली हेल्थ भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि आजकल स्ट्रैस और डिप्रेशन के कारण मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे मेंटल हेल्थ को बनाये रखने के लिये पॉज़िटिव माइंडसेट होना बहुत ज़रूरी है।
पॉज़िटिव सोच किसी भी दूसरी दवा से ज़्यादा असरदार होती है। आपने नोटिस किया होगा कि ऐसी सोच वाले इंसान ज़्यादा खुश रहते हैं और बीमार भी कम पड़ते हैं, खासतौर पर मानसिक रूप से। मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए पॉज़िटिव सोच रखना सबसे ज़रूरी है। इसे थोड़ी सी कोशिश से पाया जा सकता है।
पॉज़िटिव सोच
हमेशा पॉज़िटिव बने रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप पॉज़िटिव सोच को और बढ़ायें। याद रखिये पॉज़िटिव सोचने का यह मतलब कतई नहीं है कि मुश्किलों से मुंह मोड़ लिया जाये, बल्कि इसका मतलब है कि पॉज़िटिव एटीट्यूड के साथ मुश्किलों का हल ढूंढ़ा जाये। पॉज़िटिव थिंकिंग को बढ़ाने के लिये आप डिस्ट्रैक्शन टेक्नीक यानी दिमाग को तनाव से बाहर निकालने की तकनीक अपना सकते हैं जैसे- दुखी, गुस्सा या तनावग्रस्त होने पर किसी दोस्त से बात करें, कोई किताब पढ़ें, ड्राइंग/पेंटिग आदि करें। वैसे दूसरों की मदद करके आप खुद के बारे में अच्छा और पॉज़िटिव महसूस करते हैं।
अपनी स्ट्रेंथ बढ़ायें
आप यदि किसी खास चीज़ में अच्छे हैं या आपकी कोई स्ट्रेंथ है, तो उस पर ज़ोर दें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और खुद को लेकर सकारात्मक बने रहेंगे। जो लोग अपनी स्ट्रेंथ का सही इस्तेमाल करते हैं खुद से उनकी उम्मीदें भी ज़्यादा होती है। साथ ही उससे उन्हें अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने का भी मौका मिलता है।
स्ट्रैस दूर करना
स्ट्रैस एक ऐसी चीज़ है, जो पॉज़िटिव माइंडसेट को हमेशा बाधित करती है। डर और शंका तनाव पैदा करती है और तनाव पॉज़िटिव सोच के रास्ते में रुकावट डालता है, इसलिये तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। तनाव होने पर इससे कैसे निपटा जाए या इसे कैसे हैंडल करना चाहिये, यह आपको खुद सीखना होगा। स्ट्रैस से बचने के लिए ड्रग्स और एल्कोहल से दूर रहें, साथ ही नींद भी पूरी करें। रात को 7-8 घंटे की नींद बहुत ज़रूरी है।
पॉज़िटिव बोलें
नैगेटिव सोच और ऐसी मानसिकता से दूर रहने का सबसे अच्छा ज़रिया है कि आप हमेशा पॉज़िटिव तरीके से बात करें। आप जिस तरह से खुद से या दूसरों से बात करते हैं, उससे आपका आत्मविश्वास, सेहत और जीवन भी प्रभावित होता है। हमेशा पॉज़िटिव तरीके से बात करने के लिए आपको पूरे दिन अपने विचारों पर फोकस करना होगा और जैसे ही निगेटिव विचार आये उससे बचने की कोशिश करें।
पॉज़िटिव माइंड सेट न सिर्फ आपको मानसिक, बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है।
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