हर दिन घरों और दुकानों से निकलने वाले प्लास्टिक के कचरे से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। पर्यावरण बचाने के लिये ही कई राज्यों में प्लास्टिक पर बैन भी लगाया गया है, पर यह काफी नहीं है। पर्यावरण बचाना सबकी ज़िम्मेदारी है और दो दोस्त इस कर्तव्य को बड़ी बखूबी से निभा रहे है।
प्लास्टिक पैकिंग को ना
आमतौर पर किराने की दुकान में सारी चीज़ें प्लास्टिक में पैक रहती है, लेकिन चेन्नई का ‘इकोइंडियन’ ग्रोसरी स्टोर बहुत खास है क्योंकि यहां सामान को प्लास्टिक की बजाय ऐसे जार में रखा जाता है, जो दोबारा इस्तेमाल लायक है। यह दक्षिण भारत का पहला ज़ीरो-वेस्ट ग्रोसरी स्टोर है। प्रेम एंटनी और एन प्रदीप कुमार दो दोस्तों ने मिलकर इकोइंडियन की शुरुआत 2018 में की। पहले यह सिर्फ ऑर्गेनिक स्टोर था, लेकिन जनवरी में प्लास्टिक बैन के बाद ही इसे ज़ीरो वेस्ट ग्रोसरी स्टोर बनाया गया। चेन्नई के अलावा गोवा में इकोप्रो और पुणे में एड्रिश जीरो-वेस्ट ऑर्गेनिक स्टोर भी है। इको इंडियन देश का तीसरा ऐसा स्टोर है, जहां किराने के सामान के साथ लोकल फूड और बायोडिग्रेडेबल सजावट का सामान भी मिलता है।
विक्रेताओं को प्रोत्साहित किया
प्रेम और प्रदीप ने विक्रेताओं को जीरो वेस्ट के लिए प्रोत्साहित किया और वह उन्हीं सप्लायर से सामान लेते हैं जिनकी पैकिंग रियूज़ेबल होती है। प्रेम और प्रदीप का कहना है कि उनके प्रयासों को समझते हुए उनके कई पुराने सप्लायर भी अब ऐसी ही पैकिंग कर रहे हैं। उनका मानना है कि प्लास्टिक बैन तभी सफल होगा जब कस्टमर के साथ ही विक्रेता भी प्लास्टिक पैकिंग बंद करेंगे।
बिक्री नहीं जागरुकता फैलना है मकसद
प्रेम और प्रदीप का मकसद अपने स्टोर की बिक्री बढ़ाना नहीं है, बल्कि पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। वह पर्यावरण संरक्षण विषय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करना चाहते हैं। जागरुकता कार्यक्रम, वर्कशॉप और अन्य गतिविधियों के ज़रिये ये दोनों लोगों को अपने किचन का कचरा कम करने के लिये प्रोत्साहित करना चाहते हैं। दरअसल, हर दिन बढ़ते कचरे का निपटारा करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। शहरों के डंपिंग ग्राउंड में क्षमता से अधिक कचरा जमा हो गया है, जिससे जहरीली गैसें निकलती हैं और वहां आसपास के लोगों के जीवन के लिये यह बहुत खतरनाक है।
इसका स्थायी समाधान निकालने की कोशिश करना महत्वपूर्ण है। इसका पहला कदम है कि हर किसी को अपने घर का कचरा कम करने की कोशिश करनी चाहिये।
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