हर सुबह उठने के बाद काम और लोग हमारा इंतज़ार कर रहे होते हैं, जिन्हें हमें समय देना होता है। कई बार ऐसा होता है कि हमारे कुछ काम अधूरे रह जाते हैं या हम कोई वादा पूरा नहीं पाते, क्योंकि हमारे पास समय नहीं होता। ऐसे में समय का बेहतर तरीके से इस्तेमाल ज़रूरी है, जिसके लिए आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा।
काम की लिस्ट बनाएं
अपने स्मार्टफोन, एक्सेल शीट या डायरी में हर दिन सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आप क्या-क्या काम करते हैं और कितना समय किस काम में लगाते हैं, की पूरी लिस्ट बनाएं। जैसे शाम को 6 से 6.30 तक सैर करते हैं, फिर 15 मिनट चाय पीते हैं और उसके बाद किचन के काम में लग जाती हैं, तो इन काम को इसी तरह नोट करें। शुरुआत में आपको यह काम थकाने वाला और उबाऊ लग सकता है, लेकिन अंत में इससे आपको पता चलेगा कि आपने दिन के 24 घंटों का इस्तेमाल किस तरह से किया है। आप यह भी निर्णय ले सकते हैं कि कौन से काम ज़रूरी थे और कौन से नहीं।
मल्टीटास्किंग बनें
यहां मल्टीटास्किंग का मतलब यह नहीं है कि आप एक साथ कई काम करें, बल्कि इसका यह मतलब है कि आप अपने खाली समय का सही इस्तेमाल खुद की क्षमता बढ़ाने के लिए करें। जैसे आप ट्रेन या बस से ऑफिस जाते हैं, तो उस दौरान मोबाइल पर अपना कुछ पॉज़िटिव विचार सुन या देख सकते हैं, जिससे आपका मूड अच्छा रहेगा या आप कोई पॉज़िटिव विचारों की किताब पढ़ सकते हैं। इससे आपकी ज्ञान और क्षमताओं का विकास होगा। जब सुबह आपका मूड ठीक रहेगा, तो आप पूरे दिन अच्छी तरह से मन लगाकर काम कर पाएंगे और जब इंसान पूरे मन से कोई काम करता हैं, तो वह सही समय पर पूरा होता है।
तकनीक से दूरी
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि तकनीक के इस्तेमाल ने न सिर्फ हमारी ज़िंदगी आसान कर दी है, बल्कि बहुत समय भी बचाया है, लेकिन वहीं दूसरी इसके ज़्यादा इस्तेमाल के नुकसान भी हैं, जैसे फोन पर सारा दिन व्यस्त रहने से हमारा कीमती समय बर्बाद हो जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि गैजेट्स पर कम समय बिताया जाए, इससे आप अपने अन्य ज़रूरी काम करने के साथ ही दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ ज़्यादा समय भी बिता पाएंगे।
प्राथमिकता तय करें
इंसान कोई जादूगर तो है नहीं कि एक दिन में ही सारे काम निपटा लेगा। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने काम के महत्व के हिसाब से उसकी प्राथमिकाताएं तय करें और उसे उसी क्रम में पूरा करें। ज़रूरी काम पहले करने पर आप उसे पूरा समय दे पाते हैं और किसी तरह जल्दबाज़ी नहीं होती, इसलिए काम अच्छी तरह से होता है। याद रखिए काम को जल्दबाज़ी में खत्म करने से ज़्यादा ज़रूरी है उसे अच्छी तरह करना।
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