खर्राटों की समस्या सिर्फ बड़े बुजुर्गों या व्यस्कों को ही नहीं होती। ये परेशानी छोटे बच्चों में भी हो रही है, इसलिए अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये समस्या काफी गंभीर हो सकती है। खर्राटों को मामूली समस्या समझकर टाले नहीं क्योंकि ये नींद से जुड़ी बीमारी है। तो आइये जानते हैं कुछ आसान उपाय, जिन्हें आज़माकर आप इस समस्या को कम कर सकते हैं।
खर्राटे क्यों आती है?
सोते समय सांस में रुकावट होना खर्राटे लेने का मुख्य कारण है। जब मुंह और नाक के अंदर से हवा निकलने के रास्ते में रुकावट होती है या निकलने वाली जगह कम हो जाती है तब खर्राटे की आवाज़ होने लगती है। हवा का बहाव कम होने के कई कारण हो सकते हैं।
वज़न न बढ़ने दें
वज़न बढ़ना भी खर्राटों का कारण हो सकता है। वज़न बढ़ने के कारण ठोडी के नीचे मांस बढ़ जाता है, जिसके कारण लेटते हुए सांस की नली दब जाती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसलिये खर्राटों से बचने के लिए अपने वज़न को नियंत्रित रखें। खान-पान, कसरत और सेहतमंद दिनचर्या को अपनाकर वज़न कम करने की कोशिश करें।
करवट लेकर सोएं
खर्राटे रोकने के उपाय एक ये भी है कि आप पीठ के बल न सोकर करवट लेकर सोएं, क्योंकि ऐसे सोने से जीभ गले से दूर रहेगी, इससे हवा में रूकावट नहीं आएंगी और खर्राटे कम आएंगे।
सिर ऊंचा करके सोएं
अगर आपको खर्राटों की समस्या है तो आपको सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा करके सोना चाहिए। ऐसा करने से खर्राटे की समस्या से बचा जा सकता है।
ठंडी चीज़ों से परहेज
अगर आपको खर्राटों की समस्या है, तो ठंडी चीज़ें खाने से बचें। इससे गले में सिकुडन हो सकती है, जो खर्राटों का कारण बन सकता है।
दवाइयों का सेवन कम करें
दवाइयां मांसपेशियों पर विपरीत प्रभाव डालती है। सोने के लिए अगर आप नशे से जुड़ी चीज़ों का सेवन करते हैं, तो इसे तुरंत बंद कर दें। डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयां लें। अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें।
अपने खर्राटों की समस्या के लिए डॉक्टर को सलाह ज़रूर लें।
और भी पढ़िये : योग क्या है? जानिए इसका इतिहास
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर भी जुड़िये।