ग्राउंडिंग, जिसे अर्थिंग भी कहा जाता है, एक चिकित्सीय तकनीक है। जिसमें ऐसी गतिविधियां शामिल है, जो “ग्राउंड” यानि कि आपको ज़मीन से जोड़ती है। यह अभ्यास अर्थिंग साइंस और ग्राउंडिंग कसरत पर निर्भर करता है।
क्या कहता है विज्ञान?
धरती के गतिशील अणु इतने शक्तिशाली होते हैं कि ये एंटी ऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं। इससे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती है। ऐसे में यह हमारे शरीर के फ्री रैडिक्लस से मुक्त कर उनसे होने वाले रोगों से बचाते हैं। कुछ रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि जब शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर बना रहता है, तो शारीरिक दर्द और कई तरह की बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
कुछ ऐसे रिसर्च भी आए हैं, जो यह संकेत देते हैं कि ग्राउंडिंग से मूड में सुधार होता है, तनाव कम होता है और शांत प्रभाव पड़ता है।
पृथ्वी और प्रकृति से जुड़ने
जब हम अपने खुले अंगों से ज़मीन का स्पर्श करते हैं, तब हमारे शरीर के सभी तत्व अपने मूल स्रोत के संपर्क में आते हैं। इस संपर्क कारण शरीर में कुछ विशेष रासायनिक परिवर्तन होते हैं और हमारे मस्तिष्क को कुछ अनोखे विद्युत चुंबकीय संकेत प्राप्त होते हैं। मस्तिष्क को मिले ये संकेत हमारे विभिन हार्मोन पर प्रभाव डालते हैं और जिससे शांति महसूस करते हैं।

ग्राउंडिंग थेरेपी के प्रकार
ग्राउंडिंग का सबसे सरल और सबसे प्राकृतिक तरीका अपने नंगे पैर और हाथों को सीधे ज़मीन से जोड़ना है।
नंगे पैर चलना
अगर नंगे पैर घास, मिट्टी या फिर बालू पर चलते हैं, तो इससे शरीर का संतुलन बना रहता है। पैर सीधे जमीन के संपर्क में आते हैं, जिससे पॉजिटिव एनर्जी मिलती है।
ज़मीन पर सोना
आप जमीन पर लेटकर अपनी त्वचा से पृथ्वी के संपर्क को बढ़ा सकते हैं। आप इसे पार्क में घास पर या समुद्र तट पर रेत पर कर सकते हैं।
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ज़मीन पर बैठकर
सोफे या बैड पर बैठने की बजाय ज़मीन पर बैठकर भी आप धरती से जुड़ सकते हैं। जमीन पर बैठकर खाना खाने से सेहत को बहुत फायदा मिलता है।
तैराकी
जब आप तैराकी करते हैं, तो पानी भी ज़मीन से जुड़े होने का एहसास कराता है। इससे शरीर सेहतमंद रहता है।
कैसे करें ?
इस थेरेपी को आप घर में या बाहर कही भी कर सकते हैं। अगर घर से बाहर है, तो सुबह का समय सबसे बढ़िया होता है क्योंकि उस वक्त ज़मीन की सतह ओस से गीली रहती है। उस समय अपने पैरों, हाथों की हथेलियों को ज़मीन के संपर्क मे लाने के लिए घास या रेत में में चलो। स्वाभाविक रूप से जोड़ने के लिए ये सभी आसान तरीके हैं। जब आप घर में होते हैं, तो सोते समय ग्राउंडिंग शीट, मोजे या चटाई का इस्तेमाल करें।
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