अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइज़ेशन) हर साल 28 अप्रैल को ‘वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क’ का आयोजन करता है। साल 2003 से मनाये जा रहे इस दिन का मकसद सुरक्षित, स्वस्थ और सभ्य कामकाजी वातावरण को बढ़ावा देना है। साथ ही यह व्यवसाय में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और बीमारियों की रोकथाम को भी बढ़ावा देता है।
वर्कप्लेस डेथ और एक्सीडेंट का डेटा
– दुनियाभर में हर दिन 6300 लोग वर्कप्लेस पर हुये एक्सीडेंट या वहां के वातावरण से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं।
– हर साल जॉब के दौरान 31.7 करोड़ एक्सीडेंट्स होते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति लंबे समय तक काम पर नहीं जा पाता।
इन आंकड़ों को देखते हुये ही अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने काम पर जाने वालों के अधिकारों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया है ताकि लोगों को उनके अधिकारों की नॉलेज हो।
सुरक्षित बनाने के टिप्स
काम पर स्वस्थ और सुरक्षित रहना बेहद ज़रूरी है। चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हो, लेकिन काम पर चोट और बीमारी के अपने जोखिमों को कम करना महत्वपूर्ण है। अपने कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में मदद करने के लिए इन टिप्स पर ध्यान दें।
– अपने वर्कप्लेस पर होने वाले खतरों को जानिये। वर्कप्लेस में अगर कुछ भी खतरनाक लगता है, तो अपने सुपरवाइज़र को बतायें।
– जॉब स्ट्रैस को कम करने की कोशिश करें क्योंकि इससे डिप्रेशन, नींद न आने की परेशानी और फोकस कम होने की परेशानी शुरु हो सकती हैं। याद रखें कि यह सिर्फ एक जॉब हैं, और आपकी सेहत से ज़्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है।
– काम के बीच में रेगुलर ब्रेक लें। इससे आपकी एकाग्रता बनी रहती है। अपनी जॉब के सबसे मुश्किल काम तब करें, जब आप सबसे ज़्यादा अलर्ट हों।
– ज़रूरत पड़ने पर मकैनिकल एड की मदद लें और अपने शरीर पर कम से कम भार डालें।
– अपनी कमर का ध्यान रखें। लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से बचें।
– किसी भी टास्क के हिसाब से प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स पहनें।
– किसी भी तरह की नशीली चीज़ों से दूर रहें।
और अपने अधिकारों को समझें और ज़रूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल करें।
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