हमने अपने बचपन में कभी-न-कभी एक बार ऐसा खेल देखा होगा, जिसमें एक व्यक्ति रस्सी पर बैलेंस बनाकर चलता है। अपने बैलेंस को बनाये रखने के लिए चलते समय अपने साथ में एक डंडा लेता है। यह डंडा उसे रस्सी पर चलते समय बैलेंस बनाये रखने में मदद करता है। हमारा जीवन भी उसी रस्सी की तरह है, जिस पर हमें चलना है। जो व्यक्ति इस पर बैलेंस बना कर चलता है वह स्वस्थ्य और सुखी जीवन को प्राप्त करता है और जो इस पर बैलेंस नहीं बना पाता उसका जीवन गड़बड़ा जाता है।
अगर आप अपने लाइफ को बैलेंस करना चाहते हैं, लेकिन समझ नहीं पा रहे हैं कि कहां से शुरू करें, तो यहां 4 कारण बताए हैं कि आपका जीवन असंतुलित क्यों हो रहा है और आप क्या कर सकते हैं?
आप नहीं जानते हैं कि बैलेंस आपके लिए क्या मायने रखता है?
बैलेंस लाइफ की परिभाषा हर किसी के लिए अलग-अलग होती है, फिर भी हर कोई इसे अपने निजी तरीके से पाना चाहता है। फिर चाहे वह घर-परिवार की ज़िम्मेदारी को बैलेंस करना हो या फिर वर्क लाइफ बैलेंस करना हो, सबकी अपनी-अपनी इच्छा है।
जीवन को बैलेंस करने का सबसे अच्छा तरीका है कि सबसे पहले आप उन चीज़ों की लिस्ट बना लीजिये जिनमें आप बैलेंस बनाना चाहते हैं। इस लिस्ट में आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक, सामाजिक, पर्यावरण, आर्थिक जीवन और करियर आदि को एक डायरी में लिख लीजिये। जब इन भावनाओं और विचारों को आप समझ जाएंगे कि आपको अपने लाइफ में कहां बैलेंस करनी की ज़रूत है, तो मुश्किलें आसान हो जाएगी। इस बात का ख्याल रखना कि इस काम को करने में कोई ज़ल्दबाजी न करें, धीरे-धीरे और एक-एक कदम आगे बढ़ाये।
आत्म-अनुशासन की कमी
अनुशासन में रहकर व्यक्ति अपने कर्तव्यों को पालना करना सीखता है। अनुशासन का मतलब केवल हर काम सही तरीके से करना नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी को समझना है। गलत काम से परहेज और अपने व्यवहार में मर्यादा भी अनुशासन का एक हिस्सा है। व्यक्ति अगर इन सब बातों को अपने जीवन में उतार लें, तो निश्चित ही परेशानियों से बचा रहेगा। क्योंकि अनुशासन में रहने से व्यक्ति खुद को नियंत्रित करता है। एक तरह से सभी काम को सही और समय पर करता है। हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्त्वपूर्ण है। बिना अनुशासन के कोई भी व्यक्ति खुशहाल जीवन नहीं जी सकताा।
खुद का ख्याल नहीं रखते
जीवन में बैलेंस तब तक नहीं बन सकता जब तक आप खुद के लिए समय निकालने की कोशिश नहीं करते। यह बेहद ज़रूरी है कि आप खुद के लिए समय निकालें। वह समय भले ही आधे या एक घंटे का हो, पर सिर्फ आपका होना चाहिए। उस वक्त किसी के बारे में नहीं, बल्कि खुद के बारे में सोचने की कोशिश करें। इस दौरान वे सारी चीजें करें, जो आपको खुशियां देती हों क्योंकि यह आपको खुद से जुड़े रहने में मदद करेगा। लाइफ को बैलेंस करने के लिए मी टाइम आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर दुरुस्त रखता है और किसी भी परिस्थिति के लिए आपको तैयार रखता है।
अपने काम के प्रति दृढ़ता नहीं
जीवन में एक दृढ़ योजना होने से लाइफ बैलेंस करने में मदद मिल सकती है। खासकर जब बैलेंस की बात आती है। यह आपके जीवन के सभी पहलुओं पर आपके आहार से लेकर आपके वर्कआउट रूटीन तक सभी चीज़ों पर लागू होता है। जब आप अपने काम को पूरी दृढ़ता के साथ करते हैं, तो यह आपके काम को सफल बनाने में मदद करता है। क्योंकि कोई भी काम क्षमता से नहीं, बल्कि दृढ़ता से पूरी होती है।
याद रखें कि लाइफ में बैलेंस करना एक बार की बात नहीं है, यह ऐसी चीज है जिस पर आप लगातार काम कर रहे हैं और सुधार कर रहे हैं क्योंकि आपके जीवन के विभिन्न मौसमों में आपकी प्राथमिकताएं और ज़िम्मेदारियां बदल जाती है।
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