अक्सर हम सुनते हैं कि अगर दिन में कुछ टाइम तक ध्यान लगाकर बैठे तो इसका शरीर पर पॉज़िटिव असर पड़ता है पर फिर लगता है कि यह कैसे मुमकिन है कि कुछ समय ध्यान लगाये और इसका इफैक्ट शरीर पर पॉज़िटिव पड़े? तो हम आपको बताना चाहेंगे कि अब यह वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि रोज़ाना नियम से और सही तरीके से ध्यान का अभ्यास किया जाए तो खुद में शांति और खुशी महसूस होने जैसे इफैक्ट्स आपको जल्द ही दिखने शुरू हो जाते हैं। तो अगर आप भी यह पढ़कर ध्यान लगाने की प्रैक्टिस शुरू करने का सोच रहे है तो पहले आप इफैक्ट्स के बारे में जरूर जानें।
स्ट्रैस या चिंता का कम होना
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई मेंटल स्ट्रैस झेल रहा है और जब आप स्ट्रैस में होते है, तो दिमागी तौर पर आप इतने इमोशनल हो जाते है कि आपकी सोच रूक जाती है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं, तो ध्यान की मदद से ऐसे तनाव के इमोशंस को ठीक कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि डॉक्टर्स को अपने मरीज़ों का स्ट्रैस कम करने के लिए ध्यान लगाने की सलाह देनी चाहिये।
एकाग्रता और फोकस में सुधार होना
ध्यान लगाना दिमाग के लिए सबसे बढ़िया कसरत है। यह न सिर्फ आपके दिमाग को मज़बूत करता है बल्कि दिन में रोज़ाना दस मिनट ध्यान लगाकर बैठने से एकाग्रता में भी सुधार होता है। कई बार आप रोज़ाना होने वाली चीज़ों को इग्नोर कर देते हैं पर ध्यान लगाने से आप उन चीज़ों पर एकाग्र हो पायेंगे।
उदासी कम होना
जब आप ध्यान करना शुरू करते हैं, तो स्ट्रैस और चिंता जैसी परेशानियां कम होने लगती है। जब यह दोनों आपसे दूर होगी, तो आप खुश रहना सीखेंगे। क्लिनिकल उदासी की स्टडी में पाया गया कि एशिया और मिडिल ईस्ट में रहने वाले करीब 9 प्रतिशत लोग गंभीर उदासी से परेशान हैं, जबकि पश्चिमी देशों में यह सिर्फ चार प्रतिशत ही है।
नींद की क्वालिटी में सुधार होना
नींद न आना या नींद पूरी न होना आज सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है। इसकी वजह स्ट्रैस, काम का प्रेशर, कॉम्पीटिशन जैसे कई कारण हो सकते हैं। दरअसल हमें रात को नींद इसलिए नहीं आती क्योंकि हम सोते समय दिनभर की टेंशन के बारे में सोचते रहते है पर ध्यान लगाने से सोच पर कंट्रोल होता है और अच्छी नींद आती है। अच्छी नींद का मतलब है कि अगले दिन शरीर और दिमाग पूरी तरह से रिचार्ज है।
इसके साथ हम आपको यह भी बता रहे हैं कि ध्यान कैसे किया जाएः
- ध्यान करने के लिए कोई समय फिक्स न करें। बस दिन के किसी भी समय अपने शेड्यूल से 10 मिनट निकाले।
- जैसे आप आराम से बैठ सकते है, वैसे बैठे, फिर चाहे कुर्सी ले लें या क्रॉस पैर या लेट जाए।
- अपनी आंखें बंद करें, अपने दिमाग में चल रहे विचारों पर ध्यान दें और उन्हें शांत करने की कोशिश करें।
- दिमाग को शांत करने के लिए, प्रत्येक सांस लेने और निकालने पर ध्यान दें।
- शुरुआत में हो सकता है कि आपका ध्यान हर दो मिनट में भटकने लगे। ऐसा होने पर रुकिए मत। बस अपना ध्यान वापस अपनी सांस पर दीजिये।
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