बात चाहे डिप्रेशन से उबरने की हो या कठिन हालात से खुद को बाहर निकालने की। बाकी चीज़ों के साथ ही जो चीज़ सबसे अहम है, वह है इंसान की अंदर की आवाज़। जब तक आप अंदर से ठीक नहीं होना चाहेंगे, तो सिर्फ दवा से कुछ नहीं होने वाला। इसी तरह डिप्रेशन से बचने और मूड को हमेशा अच्छा रखने के लिये आपको अपनी अंदर की आवाज़ सुननी होगी। कुछ आसन उपायों के ज़रिये मूड को अच्छा रखा जा सकता है।
माइंडफुलनेस प्रैक्टिस
माइंडफुलनेस का मतलब है कि वर्तमान में जीना। बीते कल और आने वाले कम में क्या होगा कि चिंता छोड़ अभी जो कुछ पास में है उसका आनंद लेना। भले ही वह कोई छोटी सी चीज़ ही क्यों न हो, जैसे अपनी नई ड्रेस को देखकर खुश हो जायें, ये रंग आप पर कितना सूट हो रहा है। ऐसी सोच ही आपको अंदर से खुश कर देती है। इसलिये बिना जजमेंटल हुये अपनी अच्छी भावनाओं को महसूस करें। पॉज़िटिव विचारों को बढ़ाने के लिए योग, मेडिटेशन को डेली रुटीन का हिस्सा बनायें। यह आपको विचारों पर कंट्रोल करने में मदद करता है।
खुद को एक्प्रेस करें
अपनी भावनाओं को डांस, पेंटिंग, गाने या किसी भी अन्य रूप में जाहिर करना ज़रूरी है। ऐसा करने से यदि मन में कोई गुबार या निराशा है, तो वह निकल जाती है और आपका मूड अच्छा हो जाता है। जब मूड अच्छा रहेगा, तो ज़ाहिर है डिप्रेशन आपसे कोसों दूर रहेगा।
थोड़ी मस्ती है ज़रूरी
हो सकता है जब आप डिप्रेशन में हो या मूड खराब हो, तो किसी तरह की मज़ाक-मस्ती या खुद को आनंद देनी वाली चीज़ करने का मन न हो, इसलिये कुछ ऐसी चीज़ों को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनायें, जिसमें आपको खुशी मिलें। जैसे आप अपनी पसंदीदा हॉबी के लिये समय निकालिये, डांस या कोई भी पॉज़िटिव विचार सुनें, जो आपका मूड ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
मकसद ढ़ूंढे
ज़िंदगी का कोई मकसद होना ज़रूरी है, यही इंसान को आगे बढ़ने और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिये आपका दिमाग भी अलग-अलग तरीके से सोचता है और फिर वह छोटी-छोटी नेगेटिव बातों पर ध्यान नहीं देता। इसलिए अपने जीवन का स्पष्ट लक्ष्य तय करना ज़रूरी है।
आभार व्यक्त करें
शायद आपको यह अजीब लगेगा, मगर यह सच है कि जब हम अपने जीवन में मिली अच्छी चीज़ों के लिए ईश्वर या किसी खास व्यक्ति के प्रति आभार प्रकट करते हैं, तो इससे मूड अच्छा हो जाता है और सोच भी पॉज़िटिव बनती है।
ब्रेक लेना है ज़रूरी
जब कभी ऐसा लगे कि परिवार या ऑफिस की ज़िम्मेदारियां आप पर इतना हावी हो गई हैं कि आपको खुद के लिए समय नहीं मिल पा रहा है और आप खुद को खुश रखना भूल गये हैं, तो बेझिझक काम से ब्रेक ले लें।
तो इन छोटी-छोटी बातों को जीवन में अपनाकर आप डिप्रेशन से बाहर निकल सकते हैं।
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