भावनात्मक स्वास्थ्य, तकनीक और आप

भावनात्मक स्वास्थ्य, तकनीक और आप

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इसमें कोई दो राय नहीं है कि तकनीकी विकास के कुछ फायदे और सहूलियतें हुई हैं लेकिन लगातार दूसरों के साथ जुड़े रहने के लिए या खुद को दूसरों की नज़रों में बेहतर दिखाने के लिए तकनीक के अलग अलग माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान भावनाओं पर पड़ रहा हैं क्योंकि टेक्नोलॉजी की बढ़ती प्रगति के कारण अनावश्यक जानकारी का प्रवाह बढ़ गया है।

तो आइये जानते है, कौनसी बातें आपकी भावनाओं और विचारों को संतुलन में रखना मुश्किल बनाती है?

हमेशा दूसरों से जुड़े रहने का आदत

अलग अलग शहरों या देशों में रहने वाले दोस्तों से जुड़े रहने में आपको खुशी मिलती है। आप बस केवल एक  क्लिक के साथ आप अपने प्रियजनों से कॉल या चैट के जरिए कनेक्ट कर सकते हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी का यह निरंतर उपयोग आपके दिल, दिमाग और शरीर के लिए थकाने वाला साबित हो सकता है।

सोशल मीडिया का दखल

सोशल मीडिया ने वास्तव में आधुनिक जीवनशैली को बदल दिया है। चाहे वह बचपन के दोस्त हो या एक सहयोगी जो परदेस चला गया हो या फिर दूर-दूर के गांव में रहने वाले रिश्तेदार, आप नियमित रूप से उनसे बात किए बिना भी हर किसी के जीवन के बारे में जान सकते हैं।आपको जन्मदिन, सालगिरह, और अन्य सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर उन्हें बधाई देने के लिए सोशल मीडिया याद दिलाता है लेकिन इसका नुकसान यह हो रहा है कि लोग वास्तविकता से दूर जा रहे है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया के इस्तेमाल से कई नेगेटिव प्रभाव भी पड़ रहे है, जिसमें स्ट्रैस, मूड स्विंग्स, चिंता, उदासी, नींद से संबंधित समस्याएं और हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता हैं।

इमेजः फाइल इमेज

टेक्नोलॉजी से खुद से करें अनप्लग

अपने तकनीकी उपकरणों के बदले कोई वास्तविक विकल्प ढूंढ सकते हैं। जैसे आप ई बुक की बजाए असली किताबें पढ़ सकते हैं या योगा ऑनलाइन वीडियो से सिखाने की बजाय योग केंद्र में जाकर करें।

आप इस बात को भी नोट करें कि आप अपने खाली वक्त में क्या करते हैं? क्या आप लंच टाइम में अपने सोशल मीडिया को चेक करते हैं? या ड्राइविंग करते समय मैसेज करते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो आप अपने फोन को खुद से दूर रखें। हर बार जब आप अपने फोन चेक करने की सोचते हैं, तब वर्तमान पल में आपके इर्द-गिर्द जो हो रहा है उसे देखें और आनंद लें।

अपने पूरे दिन में, कुछ समय खुद को किसी भी गैजेट से पूरी तरह से मुक्त रखें। सोने से पहले, उठने के बाद और खाना खाते समय हमेशा दिमाग को शांत रखें लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं हैं कि आप का फोन का इस्तेमाल न करें बल्कि जरूरत के समय ही इसका प्रयोग करें।

सोशल मीडिया से दूर रहने का तरीका

अगर लगातार आपके फोन पर नोटिफिकेशन आ रहे हैं तो सबसे पहले आप सभी सोशल मीडिया की नोटिफिकेशन्स को सायलेंट रखें। जब भी आप परिवार के साथ हैं, तब आपको यह जानने की जरूरत नहीं है कि कितने लोगों ने आपकी प्रोफ़ाइल पिक्चर पसंद की है या आपके दोस्त ने कौनसी नई पिक्चर डाली है?

दिन में एक निश्चित समय के लिए ही अपने सोशल मीडिया हैंडल को देखें।

अगर आपको बात करनी हैं तो आमने-सामने की जाने वाली बातचीत से कुछ भी बेहतर नहीं हो सकता है। इसलिए, सोशल मीडिया का उपयोग केवल उन लोगों के लिए करें, जो आप से बहुत दूर हैं। हर किसी से सोशल मीडिया चैटिंग के बजाय वास्तविक जीवन में मिलिए।

तो आज से ही इन तरीकों को अपनाकर ज़िंदगी को ज्यादा बेहतर तरीके से बिताए।

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