ज़िंदगी की दौड़ में आगे निकलने के लिए आप हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन दौड़ते-दौड़ते अक्सर आराम करना भूल जाते हैं। यही वह समय होता है, जब आप अनजाने में स्ट्रैस यानि तनाव को निमंत्रण दे देते हैं। शुरुआत में तनाव आपको मानसिक रूप से थका सकता हैं और फिर धीरे-धीरे उसका असर आपके शरीर पर भी पड़ने लगता है। अगर आप दौड़ में अपनी जगह बनाते हुए, स्ट्रैस फ्री लाइफ जीना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखिए।
सुनिश्चित करें कि आप अच्छी तरह से तैयार हैं
तनाव का मुख्य कारण अपेक्षाएं और आश्चर्य होता है। किसी भी चीज़ का परिणाम अगर व्यक्ति के दिमाग में तय किए गए तरीके से अलग आता है, तो आमतौर पर उसे गुस्सा आता है और उसके बारे में सोच-सोच कर आप तनावग्रस्त हो जाते है।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप योजना बनाएं और जितना हो सके उसका पालन करें। सबसे पहले आप आपने लिए दिनभर की योजना बनाना शुरु करें और फिर हफ्ते भर के काम को सुनियोजित कर लें। ऐसा करने से आपका अपने जीवन पर बेहतर नियंत्रण रहेगा, आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा और आप तनाव से दूर रहेंगे।
पौष्टिक खाना खाएं
हो सकता है आपको लगे कि खाने और तनाव का आपस में क्या लेना देना, लेकिन ज़्यादातर लोग तनाव के समय में जंक फूड खाने लगते हैं और वह भी सामान्य मात्रा से अधिक। जंक फूड में ज़रूरत से ज़्यादा चीनी और तेल होता है, जो आपके शरीर के लिए हानिकारक होता है। इस तरह का खान-पान केवल शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक होता है। इसलिए जितना हो सके, तनाव से बचने कि कोशिश करें लेकिन स्ट्रैस की स्थिति सामने आए, तो जंक फूड खाने से बचें।
बीते हुए अच्छे समय को याद करें
मनोवैज्ञानिकों कि माने तो खुश रहने के दो प्रभावी तरीके हैं। पहला, अपने आज पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरा, बीते हुए अच्छे समय के बारे में सोचें। समय निकाल कर पुरानी लेकिन अच्छी, पॉज़िटिव और शांतिपूर्ण बातों को याद करें। ऐसा करने से आप हलका महसूस करेंगे।
पॉज़िटिव विचारों को पढ़ें और सुनें
आप जैसे माहौल में रहेंगे, वैसा ही महसूस करेंगे, इसलिए पॉज़िटिव कोट्स पढ़े और लोगों की पॉज़िटिव सोच को ध्यान से सुनें। आपके आस-पास अच्छी ऊर्जा होगी, तो आपका दिमाग शांत और मन तनाव रहित रहेगा।
चिंता को नियंत्रित करें
ऐसी बातों को अपनी डायरी में लिखें, जिन्होंने आपको पिछले एक हफ्ते में परेशान किया हो। ऐसा करने से दो तरह की चिंताए आपके सामने आएंगी। पहली तो वह, जिनका आपके जीवन पर सीधे तौर पर असर पड़ता है और उनके बारे में कुछ किया जा सकता है। दूसरी वह, जो दुनिया की तर्कहीन समस्याओं की वजह से हैं और आपके नियंत्रण में नहीं होती। ऐसी बातों के बारे में सोचकर परेशान होने से बचें और जो चीज़े सच में आपके लिए ज़रूरी हैं, उन पर काम करें।
जीवन में तनाव आसानी से आ सकता हैं, लेकिन यह आपको तय करना है कि ऐसी स्थिति में उसका सामना कैसे करना है। अगर आप डटकर उसका सामना करते है, तो ज़िंदगी फिर से ट्रैक पर आ जाती है।
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