कोई भी व्यक्ति रातों रात प्रसिद्ध नहीं होता। उसकी सफलता के पीछे कड़ी मेहनत के साथ-साथ विश्वास होता है। वह उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते, वह विश्वास पर जीते हैं कि उन्हें एक दिन मंज़िल ज़रूर मिलेगी। कुछ ऐसी प्रेरणा देते हैं, ये लोग भी-
मोहनदास करमचंद गांधी
देश में क्या विदेशों में भी लोग बापू को जानते हैं। जिस बापू ने अपने उसूलों के दम पर देश को आज़ादी दिलवाई, वह प्रोफेशन से बैरिस्टर थे। किंतु वह कभी अच्छे वकील नहीं बन सके। कुछ समय तक उन्होंने लिटिगेशन लेटर ड्राफ्ट करने का काम किया, जिसके बाद वह साउथ अफ्रीका चले गये और वहीं उनकी पॉलिटिकल स्किल्स डेवलप हुईं। हालांकि उनकी इसमें भी शुरुआत कुछ आसान नहीं थी, और उनका सत्याग्रह आंदोलन भी मुश्किलों से भरा हुआ था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी
आज जिस व्यक्ति को जनता ने देश के सबसे ऊंचे स्थान पर बिठाया है, वह एक समय पर मामूली चाय बेचने वाले थे। अपनी मेहनत और सिद्धांतों के दम पर वो गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने गुजरात में गुड गवर्नेंस को महत्व दिया और तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर बैठे। इसके बाद उनकी मेहनत ने उन्हें दिल्ली में देश के सबसे ऊंचे पद पर बिठाया।
मंसूर अली खां पटौदी
क्या आप जानते हैं कि देश के बेहतरीन कैप्टन में से एक जाने जाने वाले पटौदी अपनी एक आंख की मदद से क्रिकेट खेलते थे। बचपन से क्रिकेट के दीवाने रहे पटौदी की सड़क दुर्घटना में एक आंख हमेशा के लिये डैमेज हो गई थी। इस वजह से उन्हें डबल इमेज दिखने लगी थी। उन्हें डर था कि वह कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे, लेकिन उन्हेंने हार नहीं मानी और एक आंख की मदद से देख कर ही बेहतरीन क्रिकेट खेला।
रतन टाटा
रतन टाटा ने साल 1991 में चेयरमैन की कुर्सी संभाली, लेकिन उनके लिए यह सफर शुरुआत में आसान नहीं रहा। आप सोच सकते हैं कि इतने बड़े उद्योगपति के बेटे को क्या मेहनत करनी पड़ी होगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि जेआरडी टाटा ने जो स्टैंडर्ड्स सेट किये थे, उन्हें उस पर खरा उतरना था। शुरूआती सफर में जिन दो कंपनियों को लेकर रतन टाटा काम कर रहे थें, वह दीवालिया हो गई। लोगों का उनके ऊपर विश्वास कम हो रहा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसी का नतीजा है कि रतन टाटा का नाम आज दुनिया के नामी लोगों में हैं।
ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिये ‘ कदम बढ़ाएं सही’
- किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति के पीछे कड़ी मेहनत के साथ-साथ ढृढ़ निश्चय होता है।
- आगे बढ़ने के लिए अपने आस-पास से प्रेरणा लीजिये।
- एक बार कदम आगे बढ़ाएं, तो मंज़िल तक पहुंचने से पहले रुके नहीं।
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