लगातार कई घंटों तक पढ़ाई करने से यदि आपको लगता है कि अच्छे मार्क्स आ जायेंगे, तो आप गलत हैं क्योंकि घंटों तक लगाकार पढ़ाई करने से बच्चों की चीज़ों को याद रखनी की क्षमता कम हो जाती है और स्ट्रेस भी बढ़ जाता है। इसलिए पढ़ाई के दौरान ब्रेक ज़रूरी है ताकि बच्चों का दिमाग रिफ्रेश हो जाये और जब वो दोबारा पढ़ें, तो पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर पायें।
कई स्टडी से भी यह बात साबित हो चुकी है कि बच्चों के लिए ब्रेक टाइम ज़रूरी है ताकि वह स्ट्रेसफ्री हो सकें। लंबे समय तक लगातार बुक लेकर बैठे रहने से बच्चों का ध्यान भंग हो जाता है। भले ही आपको लगे कि बच्चा पढ़ाई कर रहा है, लेकिन वास्तव में पढ़ी हुई चीज़ें उसके दिमाग में बैठती नहीं है। तो अब से बच्चों के ब्रेक टाइम का ध्यान ज़रूर रखें।
ब्रेक टाइम के फायदे
कॉन्संट्रेशन बढ़ती है
जो बच्चे लगातार बिना ब्रेक के पढ़ते रहते हैं, उन्हें पाठ याद करने में मुश्किलें आती हैं। इसके उलट पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेने वाला बच्चा आसानी से पाठ याद कर लेता है क्योंकि पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेने से दिमाग फ्रेश हो जाता है और याद करने में आसानी होती है।
सीखने की क्षमता बढ़ती है
पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेने से बच्चे क्लास में टीचर की बातों को भी ध्यान से सुनते हैं और नई चीज़ आसानी से सीख जाते हैं। ब्रेक टाइम में वह अपनी एनर्जी खर्च कर चुके हैं, इसलिए पढ़ाई के दौरान वह न तो किसी और को डिस्टर्ब करते हैं और न ही खुद कोई ऐसी वैसी हरकत करते हैं, बल्कि एकाग्रता के साथ पढ़ते हैं।
तनाव घटाता है
ऑफिस में काम से थककर कुछ पल रिलैक्स होने के लिए जैसे आप टी-टाइम ब्रेक लेते हैं, ठीक वैसे ही बच्चों को भी पढ़ाई के तनाव से दूर रखने के लिए ब्रेक टाइम ज़रूरी है। ब्रेक टाइम के दौरान खेलने से, दोस्तों से बातें करने से मूड अच्छा हो जाता है और दिमाग में फील गुड हार्मोन्स का स्राव होता है।
सोशल स्किल
ब्रेक टाइम सिर्फ बच्चों का मूड अच्छा करने के लिए ही न हीं, बल्कि उन्हें सोशल बनाने के लिए भी ज़रूरी है। सिर्फ क्लास की चार दीवारी में बिठाकर बच्चों को सोशल नहीं बनाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें दूसरों बच्चों के साथ घुलना-मिलना होगा और ऐसा वह ब्रेक टाइम में ही कर सकते हैं।
ब्रेक टाइम में इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे सोशल मीडिया पर बिज़ी न हों, बल्कि खेल-कूद, एक्सरसाइज़ आदि करें। इससे फिज़िकल और मेंटल हेल्थ दोनों ठीक रहेगी।
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