चाहे घूमना हो या काम के सिलसिले में कहीं जाना, ट्रैवलिंग हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है और हम सभी चाहते हैं कि हमारा सफर सुकून भरा हो। ऐसे में ज़रूरी है कि यात्रा के दौरान हम भी कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि हमारी वजह से दूसरों को परेशानी न हो।
काम होने के बाद भी लाइन में खड़े न रहे
टिकट लेना हो या बोर्डिग के दौरान अपना सामान लेना हो, अगर आपने सामान ले लिया है, तो उसी लाइन में खड़े न रहे, बल्कि साइड हो जाए। टिकट लेने के बाद लाइन में ही खड़े होकर टिकट चेक करने की बजाय, साइड में होकर चेक करें, ताकि दूसरे लोग टिकट ले सके।
आराम कुर्सी पर बैठते समय ध्यान रखें
फ्लाइट के लिए वेट करने के दौरान जब आप आराम कुर्सी पर बैठते हैं तो अपने कंफर्ट के साथ ही आपके आसपास बैठे लोगों का भी ध्यान रखें। अपनी कुर्सी को झुकाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके पीछे या बगल में बैठे किसी शख्स को परेशानी न हो।
मोबाइल का वॉल्यूम कम रखें
सफर के दौरान म्यूज़िक सुनना हो या मोबाइल में मूवी देखना, इस दौरान या तो हेडफोन का इस्तेमाल करें या फिर मोबाइल का वॉल्यूम कम रखें ताकि आसपास के लोगों को परेशानी न हो।
पर्सलन स्पेस का ध्यान रखें
हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते समय पर्सनल स्पेस किसी का विशेषाधिकार नहीं होता, लेकिन सभी पैसेंजर्स को अपने सह यात्रियों के पर्सनल स्पेस का ध्यान रखना चाहिए। जैसे यदि बगल वाली सीट पर कोई सो रहा है तो बहुत तेज़ आवाज़ मे बात न करें
बेकार का सामान न ले जाएं
सफर करते समय उतना ही सामान ले जाए जितनी की ज़रूरत हो, ज़्यादा सामान ले जाने से लगेज कंपार्टमेंट में आपका सामान ही बहुत अधिक जगह घेर लेगा और बाकी लोगों को सामान रखने में दिक्कत होगी।
क्या खा रहे हैं इसे लेकर माइंडफुल रहे
सफर के दौरान घर का बना खाना ही सेफ होता है, लेकिन खाते समय माइंडफुलनेस का ध्यान रखें, क्योंकि आपके आसपास और भी लोग बैठे हैं इसलिए कोई ऐसी चीज़ न खाएं जिसमें तेज़ गंध आती हो (जैसे लहसुन-प्याज आदि)।
हाइजीन का ध्यान रखें
सफर के दौरान हाइजीन का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। हमेशा यात्रा से पहले डियो बाथ ज़रूर लें, इससे आपको भी फ्रेश फील होगा। सफर के दौरान अपनी सीट के आसपास भी गंदगी न फैलाएं और न ही बेकार का सामान बिखेरें, इससे दूसरे पैसेंजर्स को परेशानी हो सकती है।
बुज़ुर्गों और बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करें
सफर के दौरान हो सकता है आपके बगल में कोई बुज़ुर्ग बैठा हो जिसकी खांसी की आवाज़ या छोटे बच्चे के रोने की आवाज आपको परेशान करे, लेकिन ऐसे में चिढ़ने की बजाय उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, क्योंकि एक दिन आप भी बुज़ुर्ग होंगे और बचपन में आपके माता-पिता भी आपके साथ सफर में शायद उतने ही परेशान होते होंगे, जितना आप किसी न्यू पैरेंट्स के परेशान होता देख रहे हैं।
विनम्र रहे
स्कूल में गुड मैनर्स का जो पाठ पढ़ाया गया है, उसे सफर के दौरान हमेशा याद रखें। एक्सक्यूज़ मी, सॉरी और थैंक्यू जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने में कंजूसी न करें।
बेहतर को-पैसेंजर बनने का एक और आसान तरीका है, जब सामने वाले को आपके व्यवहार से परेशानी हो, तो खुद को उसकी जगह रखकर देखें कि आपको कैसे महसूस होता यदि आपका सहयात्री आपके साथ ऐसा ही बर्ताव करता। यह सोच आपके व्यवहार को तुरंत बदल देगी।
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