उम्र के साथ-साथ बच्चों का हर तरह से विकास होता है, लेकिन छोटी उम्र से ही यदि उन्हें खास तरह की एक्टिविटीज़ में शामिल कर दिया जाये, तो बच्चों का संपूर्ण विकास सही तरीके से होगा। मगर इन एक्टिविटीज़ के लिए पैरेंट्स को अपने बिज़ी शेड्यूल से थोड़ा वक्त बच्चों के लिए निकालना होगा।
बच्चों के विकास के लिए करें ये एक्टिविटीज़
लेटर बनाकर सजाने को कहें-
बच्चों को चीज़ें छूकर, सूंघकर और स्वाद से पहचानने में मज़ा आता है। इसलिये उनकी सेंसरी स्किल डेवलप करने के लिये आप उन्हें चीज़ें छूकर, सूंघकर और खाने की चीज़ों को स्वाद से पहचानना सिखाएं। एक पेपर पर मार्कर से कोई अल्फाबेट लेटर या नंबर लिखें और बच्चे से उसे डेकोरेट करने को कहें। जैसे उसके ऊपर सैंडपेपर, कॉटन बॉल, बीन्स या पास्ता चिपकाएं। इससे बच्चे लेटर को छूकर से महसूस कर सकता है कि इसकी बनावट कैसी है। साथ ही रोज़ाना बच्चे के साथ अल्फाबेट्स और नंबर ज़ोर-ज़ोर से पढ़ें।
माप करना सिखायें
बच्चों को चीज़ों की लंबाई, चौड़ाई मापना सिखायें, लेकिन एकदम टिपिकल तरीके से नहीं, बल्कि थोड़े क्रिएटिव तरीके से। जैसे- बच्चे को ज़मीन पर लिटा दें और उसके बगल में उसकी लंबाई के हिसाब से सेब रखें और फिर उनसे पूछे कि उनकी लंबाई कितने सेब के बराबर है। आप फ्रिज के बगल में वुडन ब्लॉक्स रखें और बच्चे से पूछें कि फ्रिज की लंबाई कितने वुडन ब्लॉक्स के बराबर है। इसी तरह और किसी चीज़ का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे बच्चे की सोचने-समझने और जानने की क्षमता बढ़ती है।
ऑर्गनाइज़ेशन सिखायें
आप घर में हर एक चीज़ अलग-अलग अलमारी में रखती हैं। बच्चे को पहले वह दिखा दें। फिर उनके साथ एक गेम खेलें, चीज़ों को गलत जगह पर रखें जैसे फ्रिज में खिलौने रख दें, ज्वेलरी वाली अलमारी में कपड़े रखें आदि। अब बच्चे से कहें कि वह चीज़ों को सही जगह पर रखें। यकीन मानिये बच्चे को इसमें मज़ा आयेगा और इस तरह मज़ाक मस्ती में वह चीज़ों को सही जगह पर रखना सीख जायेगा।
बाहर की चीज़ों के बारे में बतायें
जब भी बच्चे को घर से बाहर घुमाने ले जाएं, तो उन्हें आसपास की चीज़ों के बारे में बताते रहे। जैसे- यह सुपरमार्केट हैं यहां घर का सामान मिलता है, यह हॉस्पिटल है-जहां बीमार होने पर आते हैं, यह फायर ब्रिगेड है जो आग बुझाने का काम करता है आदि। फिर अगली बार जब आयें, तो बच्चे से पूछे कि किस जगह पर क्या मिलता हैं, इससे आपको पता चलेगा कि उन्हें पुरानी बातें याद हैं या नहीं। दिमाग तेज़ करने का यह अच्छा तरीका है।
खेल के लिए प्रेरित करें
बच्चों की सोशल, फिज़िकल और मेंटल स्किल डेवलप करने में खेल का बहुत योगदान रहता है। इनडोर से लेकर आउटडोर तक हर गेम की अपनी उपयोगिता है और बच्चे के विकास के लिए बहुत ज़रूरी भी, इसलिये उन्हें खेलने के लिए प्रेरित करें।
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