जब आप बच्चे को लिखने के लिए कहती हैं, तो क्या वह पेंसिल फेंक देता/देती है? जब उसकी डिमांड पूरी नहीं करती, तो क्या वह चिल्लाता है? यदि हां, तो आपको अपने बच्चे को अनुशासित करने की सख्त ज़रूरती है। बच्चों को अनुशासित करने का पहला नियम यह है कि आप छड़ी/डंडा छोड़ दें, क्योंकि यह न तो आपके लिए अच्छा है और न ही बच्चों के लिए। गुस्सा करने पर स्थिति और बिगड़ सकती है और बच्चा भी गुस्सैल बन सकता है। इसलिए उन्हें अनुशासित करने के लिए नीचे बताए गए तरीके आज़माएः
आप जो कहते हैं, वही करें भी-
बच्चों के रोल मॉडल बनें, हर चीज़ में चाहे वह समय की पाबंदी हो या शिष्टाचार। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हर काम समय पर करें, तो आपको खुद पहले यही करना होगा। यदि आप चाहते हैं कि बच्चा चिल्लाए नहीं, तो आप खुद भी उस पर चिल्लाना बंद कर दीजिए।
सॉरी बोलना सिखाएं
यदि बच्चा सॉरी नहीं बोलता है, तो इसे सही गलत का अंतर समझ नहीं आएगा। इसलिए ज़रूरी है कि पहले आप ही उससे कुछ गलत होने पर सॉरी बोलें।
ईनाम दें
‘जब तुम अच्छा करोगे, तो तुम्हें इनाम मिलेगा।’ ऐसा बार-बार कहें ताकि बच्चा अच्छा बर्ताव करना सीख जाएं। एक चार्ट बनाएं और जब भी वह कुछ अच्छ करे तो उसे स्टिकर चिपकाने के लिए दें। आप उन्हें एक पिग्गी बैंक भी दे सकती हैं और जब वह अच्छा व्यवहार करें तो उन्हें पिग्गी में डालने के लिए कुछ कॉइन दे दें।
टाइम आउट
बच्चा जब बार-बार बुरा बर्ताव करे या लगाकर नियम तोड़े तो उसे घर के एक ऐसे कोने में ले जाकर रखें जहां कोई खिलौना, खिड़की या उसे बिज़ी करने वाली कोई भी चीज़ न हो। वहां छोड़ने से पहले उससे कहें, ‘तुमने जो किया उसके बारे में सोचो और यह भी कि इस सजा से बचने के लिए तुम्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए।’
पसंदीदा चीज़ न दें
यदि बच्चा स्कूल में अग्रेसिव व्यवहार करता है, घर आकर मारपीट करता है तो उससे उसकी पसंदीदा चीज़ या सुविधाएं वापस ले लें। जैसे- पार्क में न जाने दें, खिलौने न दें, जब तक कि वह सॉरी न बोले।
ध्यान हटाएं
यदि आपको लगता है कि बच्चा नखरे करने वाला है, तो पहले ही उसका ध्यान हटाने की कोशिश करें। यदि वह किसी काम पर फोकस नहीं कर पा रहा है और अधीर हो जाता है, तो काम को टुकड़ों में बांट दें। यदि आपको कभी लगे कि बच्चा मारने वाला है, तो पहले ही उसे पकड़कर गले लगा दें और धीमी आवाज़ में बाद करें।
परिणाम
बच्चे को हमेशा उसके अच्छे और बुरे बर्ताव के परिणामों के बारे में बताएं।
माफ करना और भूलना
बच्चे ने कोई गलती की और आपने उसे डांट लगा दी, तो उस बाद को फिर दोबारा रिपीट न करें, भूल जाएं।
किताबें और ऑडियो विज़अव्ल
बच्चे को गुड मैनर्स की किताबें या विडियोज़ दिखाएं।
बातचीत
जब स्थिति सामान्य हो जाए, तो बच्चे के पास बैठकर उससे प्यार से बात करें और उसका नज़रिया भी समझने की कोशिश करें।
याद रखिए कि बच्चे का व्यवहार पूरे दिन में बदलता रहता है, इसलिए पैरेंट्स होने के नाते आपको शांत और सकारात्मक बने रहना होगा, तभी बच्चे का सही विकास होगा।
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