अगर आपसे कोई पूछे कि प्यार क्या है, तो आपके मन में क्या आता है? कोई प्यार को खुशी से जोड़ता है, कोई इसे त्याग का नाम देता है, तो कोई इसे ज़िंदगी का रोमांटिक सफर बताता है। हर किसी के लिए प्यार की अलग परिभाषा है, पर ज़्यादातर लोग प्यार को भावनाओं का एक बड़ा हिस्सा मानते हैं। भावनाओं के अलावा एक ऐसी चीज़ भी है, जिस पर आपके प्यार में होने से फर्क पड़ता है, वह है आपकी मानसिक तंदुरूस्ती।
प्यार है हर किसी की ज़रूरत
साल 1958 में अमेरिकी मनोवैज्ञानिक हैरी हारलो द्वारा की गई रिसर्च से पता चला था कि प्यार का प्रभाव काफी शक्तिशाली तरीके से किसी भी व्यक्ति के व्यवहार और विकास पर पड़ता है। इसके अभाव से व्यक्ति में पाचन और मनोवैज्ञानिक संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेम और स्नेह उतना ही ज़रूरी है, जितना खाना और पानी।
चलिए अब एक छोटी सी एक्सरसाइज़ करते हैं
जब आप तनाव या चिंता से घिरे होते हैं, तो क्या करते हैं और आपका व्यवहार कैसा होता है? दो मिनट के लिए आखें बंद करिए, सोचिए और जवाब को एक जगह नोट कर लीजिए। अब एक बार फिर दो मिनट के लिए आंखे बंद करिए और जो व्यक्ति आपको सबसे प्यारा है, उसके बारे में सोचिए, उसके साथ बितायें समय और उसके चेहरे पर आती मुस्कान के बारे में सोचिए। जो भी महसूस हुआ हो, उसे दूसरी जगह नोट कर लें। जब आप दोनों सिचुएशन्स की तुलना करेंगे, तो पायेंगे कि अपने सबसे प्यारे व्यक्ति के बारे में सोचकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। आप चाहे कितनी भी मुश्किल परिस्थिति में हो, उसके अलावा सब कुछ भूल जाते हैं।
तनाव को दूर करता है प्यार
जब कोई व्यक्ति लंबे समय से स्ट्रैस में होता है, तो उस के ऊपर ऐलोस्टैटिक लोड यानी कि मानसिक परेशानियां बढ़ने लगती है। इस बारे में जानने के लिए साल 2002 में सीमेन एट ऑल ने ऐलोस्टैटिक लोड और सोशल एक्सपीरिएंसिस पर एक स्टडी की थी। इस स्टडी से पता चला कि पॉज़िटिव सामाजिक अनुभव और उच्च स्तर के सामाजिक मेल-मिलाप से ऐलोस्टैटिक लोड कम होता है। हर वर्ग के लोग जो किसी से प्यार करते हैं या किसी भी रिश्ते में सुरक्षित महसूस करते हैं, उनके अंदर स्ट्रैस से लड़ने की ताकत दूसरों की तुलना में ज़्यादा होती है। ज़रूरी नहीं कि यह प्रेम संबंध किसी औरत और आदमी के बीच ही हो, यह एक मां और उसके बच्चे के बीच भी हो सकता है।
प्यार करने के इतने फायदे हैं, यह तो आपने सोचा ही नहीं होगा। अब जब आप जान ही गए हैं, तो देर किस बात की। प्यार के इस महीने को खुशियों के साथ मनायें और अपने रिश्ते को मज़बूत करने के साथ-साथ मानसिक ताकत बढ़ायें।
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