उच्चे पद पर और कॉरपोरेट ऑफिस में काम करने वाले लोगों के पास काम के अलावा किसी और चीज़ के लिए वक़्त ही नहीं होता। यहां तक कि अपनी सेहत के बारे में भी सोचने का समय नहीं होता। यही वजह है कि अकसर कॉरपोरेट्स में ऊंचे पोस्ट पर नौकरी करने वाले लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं, चूंकि इनके ऊपर काम और ज़िम्मेदारियों का ज़्यादा प्रेशर होता है। इसलिये खुद को शांत रखने के लिये मेडिटेशन एक अच्छा ज़रिया है।
पहली बार मेडिटेशन शुरू करने वालों के लिये ज़रूरी बातें।
किसी के गाइडेंस में करें
वैसे तो मेडिटेशन आप बिना किसी के गाइड के कर सकते हैं, लेकिन शुरुआत में बेहतर होगा कि आप इसे ट्रेंड टीचर या ऐप जैसेकि ThinkRight.me की गाइडेंस भी ले सकते हैं। मेडिटेशन गाइड के कई रिकॉर्डेड वर्ज़न भी उपलब्ध हैं, जो पांच मिनट से कई घंटों तक के होते हैं। आप अपनी सुविधानुसार इनका चुनाव कर सकते हैं।
आपका शेड्यूल
कुछ लोगों को लगता है कि सुबह पांच बजे उठकर ही मेडिटेशन किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। हालांकि सुबह मेडिटेशन करना फायदेमंद होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मेडिटेशन सिर्फ सुबह ही किया जा सकता है। आप जब भी फ्री हों और सहज महसूस करें, इसे कर सकते हैं। लंच के बाद दोपहर में यदि ऑफिस में शांति रहती है तो आप उसी वक्त मेडिटेशन कर सकते हैं या फिर रात को सोने से पहले बिस्तर पर भी।
समय सीमा
सिर्फ कुछ दिनों के मेडिटेशन में ही आपको अपनी परफॉर्मेंस और व्यवहार में पॉज़िटिव बदलाव नज़र आयेगा। यदि आप लंबे समय तक मेडिटेशन करना चाहते हैं, तो कम से कम 21 दिनों तक इसे लगातार करें, ताकि यह आपकी आदत में शुमार हो जाये।
मेडिटेशन के प्रकार
सिर्फ आंखें बंद करके ध्यान लगाना ही मेडिटेशन नहीं है, बल्कि इसके कई तरीके हो सकते हैं, जैसे- संगीत सुनना, बीट्स, आवाज़ की रिकॉर्डिंग, ब्रिदिंग एक्सरसाइज़, योगा आदि। आप जिसमें सहज महसूस करें, वही तरीका चुनें।
मकसद तय करें
अच्छा होगा यदि आप मेडिटेशन की शुरुआत करने से पहले इसका मकसद तय कर लें यानी आप आखिर इसे क्यों कर रहे हैं जैसे- दिमाग शांत करने के लिये, ज़्यादा सुकून महसूस करने के लिये, किसी असंभव काम को संभव बनाने के इरादे से या बस किसी के प्रति आभार जताने के लिये।
इसका का कोई तरीका सही या गलत नहीं होता है, आपको जो सही लगे बस वही करिये।
मेडिटेशन सोच करें सही
– यह तनाव दूर करके दिमाग को शांत करता है।
– शांत दिमाग से पॉज़िटिव विचार आते हैं।
– पॉज़िटिव विचार सोच को सही करते हैं।
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