पुराने बक्से या संदूक में से जब बचपन वाली गुड़िया, कोई खिलौना या आपके पहले बर्थडे की फ्रॉक निकलती है, तो उसे देखकर कितनी खुशी मिलती है न! ये चीज़ें आपको इसलिए मिली क्योंकि आपकी मां ने इन यादों को सहेजकर रखा था। आप भी ऐसी अनमोल यादों को सहेजकर रख सकते हैं ताकि बरसों बाद उन्हें देखकर आपके चेहरे पर फिर से मुस्कान आ जाये।
थोड़ी क्रिएटिविटी दिखायें
यादों को संजोने का मतलब बस तस्वीरों से नहीं होता, बल्कि यादों को बड़े ही क्रिएटिव तरीके से संभालकर रखा जा सकता है। किसी ने अपनी पंसदीदा लाइनों को दीवार पर पेंट करवा दिया, तो किसी ने अपनी स्पेशल याद को डिनर प्लेट पर ही लिखवा दिया है। आप भी यादों को संजोने के लिए कोई ऐसा ही क्रिएटिव तरीका सोच सकते हैं।
वेबसाइट बनायें
यादों को सहेजकर रखने का एक बहुत ही बढ़िया तरीका है वेबसाइट बनाना। वेबसाइट को अपनी यादों को नाम कर दीजिए और यहां अपनी भावनाएं लिखने के साथ ही आप फोटो, वीडियो आदि सबकुछ शेयर कर सकते हैं। यहां आपको पूरी आज़ादी होगा अपने मन का करने की।
कहानी के रूप में
दादा, नाना से आपने उनके बचपन के बारे में बहुत कुछ सुना होगा, ये सब उनकी यादें थीं। ठीक ऐसे ही आप भी अपनी यादों को कहानी के रूप में जीवित रख सकते हैं। आपने अपनी कहानी बच्चों को सुनाई और वो आगे की पीढ़ी को सुनायेंगे। वैसे यह चाहे पुराना है, मगर है मज़ेदार।
हार्ड ड्राइव
हालांकि यह क्रिएटिव नहीं है, पर तकनीक की मदद से यादों को सुरक्षित किया जा सकता है। शादी की तस्वीरें हो, पिकनिक या फिर किसी फैमिली फंक्शन की, जाहिर हम इन्हें सहेजकर रखना चाहते हैं। कभी कंप्यूटर क्रैश हो जाए तो सारी तस्वीरें डिलीट हो जायेंगी, इसलिए बेहतर होगा कि इन्हें एक्स्टर्नल हार्ड ड्राइव में सेव करके रखा जाये।
सोशल मीडिया
आजकल लोग अपनी यादों को गूगल प्लस, फेसबुक, टिम्ब्लर जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर करके भी सेव करने लगे हैं। इसके अलावा क्लाउड स्टोरेज भी फोटोज़, वीडियो को सेव रखने का अच्छा विकल्प है।
इन सबके अलावा आप अपने परिवार के खास पलों के छोटे-छोटे वीडियो बनाकर उनकी एक छोटी सी फिल्म बना सकते हैं। जब कभी आप सब इसे देखेंगे तो चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाएगी। यादें अनमोल है, तो क्यों न इन अनमोल यादों को हमेशा के लिए सहेज लिया जाये।
इमेज: फाइल इमेज
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