सफलता असफलता के रास्ते से होकर ही गुज़रती है। यदि एक प्रयास फेल हो जाए, तो हार मानकर बैठने की बजाय अगली बार फिर से कोशिश करिए और वो भी दोगुने उत्साह के साथ। हर असफलता कुछ न कुछ सिखाती है, इसलिए विफलता से सीख लेते हुए खुद को प्रेरित करके आगे बढ़ते रहिये।
थॉमस एडिसन के 999 प्रयोग फेल हो गए थे, अलबर्ट आइंस्टीन जैसा महान वैज्ञानिक सात साल की उम्र तक अशिक्षित था। लोग उन्हें दिमागी रूप से कमज़ोर कहते थे, लेकिन इन असफलताओं के आगे यदि ये लोग हार मान लेते, तो ज़रा सोचिए क्या आज इनकी गिनती महान वैज्ञानिकों में होती? बार-बार असफल होने के बाद भी इन्होंने प्रयास जारी रखा और फाइनली सफलता मिल ही गई। हर इंसान को सफल होने के लिए इन महान वैज्ञानिकों की तरह ही अपनी विफलता से घबराने की बजाय उसे सबक के तौर पर लेते हुए लगातार कोशिश करते रहना चाहिए।
हार के बाद खुद को प्रेरित करने के कुछ तरीके हम आपको बता रहे है-
भावनाओं में न बहे
माना की हारने पर दुख होता है, लेकिन ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए एक हार से दुखी होने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि उसे भूलकर अपने कमिटमेंट यानी लक्ष्य पर ध्यान दें। इस बात को एक उदाहरण लेकर समझते है, यदि आपने छह महीने में दस किलो वज़न कम करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन पहले महीने में एक किलो भी कम नहीं कर पाए, तो हार मानकर खाने-पीने में परहेज़ और कसरत को मत छोड़िए, बल्कि अगले महीने से इस ओर ज़्यादा सजग हो जाइए। वज़न नहीं घटा, इस बात को भूलकर आगे इसे कैसे कम करना है इस पर फोकस करें।
वर्कआउट है ज़रूरी
योगा, एरोबिक्स या कोई भी फिज़िकल एक्टिविटी को करना भी बहुत ज़रूरी है, क्योंकि एक्सरसाइज़ करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है, जिससे मूड अच्छा रहता है और आप तनाव को भूल जाते हैं। यानी जब आपका मूड अच्छा रहेगा तो आप अपनी असफलता को भूलकर आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे
पॉज़िटिव चीज़ों को याद रखें
हमारा हर काम लोगों को पसंद आए यह ज़रूरी तो नहीं। यदि आपने कोई बिज़नेस किया है और आपका प्रोडक्ट दस में सिर्फ दो लोगों को ही पसंद आता है, तो आठ को आपका प्रोडक्ट पसंद नहीं आया, इसे भूलकर यह सोचकर खुशी रहिए कि कम से कम दो लोगों को तो यह अच्छा लगा। हां, इसके बाद कहां कमी रह गई और उसे कैसे सुधारा जा सकता है, पर ध्यान देना ज़रूरी है।
अपनी उपलब्धियों को याद करें
जब कभी कोई प्रयास असफल हो जाए, तो अपनी पुरानी सफलताओं और अच्छे काम को याद करें। खुद को इसके लिए शाबाशी भी दें, इससे आपको अच्छा महसूस होगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे आप आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे।
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