देश की राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा लंबे समय से बहस का विषय बना हुआ है। 16 दिसंबर, 2012 के समय हुए निर्भया केस के बाद लगा था कि शायद कुछ बदलाव देखने को मिले, लेकिन आज भी कमोबेश वैसे ही हालत हैं।
राजधानी दिल्ली में आज भी रात के समय महिलाओं और लड़कियों के लिए निकलना सुरक्षित नहीं माना जाता। महिलाएं सेफ्टी के लिए अपने सगे संबंधी पुरूष या दोस्त को साथ लेकर चलना ज्यादा प्रेफर करती है। लेकिन इस काले सच के बावजूद कहीं-न-कहीं उजाले की किरण भी नज़र आती है। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो महिलाओं की न केवल इज्जत करते हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा को अपना सौभाग्य भी मानते हैं। हाल ही में यहां एक ऐसा दिल जीतने वाला वाकया सामने आया है कि जिसे जानकर आप भी गर्व महसूस करेंगे।
क्या था किस्सा?
दरअसल, नेहा दास नाम की एक महिला देर रात अपने ऑफिस से काम निबटाकर घर लौटने के लिए ऑटो रिक्शा की तलाश कर रही थी। इस बीच एक ऑटो रिक्शा उसके पास आकर रुका और उसके ड्राइवर प्रवीण रंजन ने नेहा के साथ ऐसा व्यवहार किया, जिसकी तारीफ चारों ओर हो रही है।
कोलकाता से दिल्ली काम करने आई नेहा दास ने फेसबुक पर अपनी इस स्टोरी को साझा करते हुए ऑटो ड्राइवर प्रवीण रंजन के बारे में बताया कि दिल्ली में ठंड शुरू हो चुकी थी। ऐसे में आधी रात के आसपास ज्यादातर सड़कें खाली हो जाती है। ऑफिस से निकलने के बाद मैं बाहर ऑटो का इंतजार कर रही थी। इसी बीच एक ऑटोवाला वहां रुका और किराया पूछने पर उसने कहा कि ‘मैडम मैं लड़कियों से इतनी रात को कोई किराया नहीं लेता, बल्कि मेरे लिए उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाना ज्यादा जरूरी है।’
नेहा बताती हैं कि घर पहुंचने के बाद जब मैंने उसे कुछ पैसे देने की कोशिश की, तो उसने इसे लेने से इंकार कर दिया। लेकिन, जब मैंने ऑटो ड्राइवर की फोटो लेने की बात कही, तो उसने खुशी से इसके लिए हामी भर दी।
नेहा ने अपनी पोस्ट में रंजन का आभार जताते हुए कहा है कि दिल्ली में शरारती लोगों की कमी नहीं है, लेकिन यहां आप जैसे कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो शहर में लड़कियों की मदद करने के लिए आगे आते है और ऐसे नेक काम को अपना धर्म और ईमान मानता है। ऐसे अच्छे लोगों के लिए ऊपरवाले का शुक्रिया।
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