दुनियाभर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व वाली जगहों को आने वाली पीढ़ी के लिए बचाने और लोगों को इसका महत्व समझाने के लिये हर साल 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे मनाया जाता है। इसका मकसद ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासतों के सम्मान देना भी है।
कितनी इमारते है हेरिटेज की सूची में
फिलहाल यूनेस्को की सूची के मुताबिक, पूरी दुनिया में 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिसमें से 36 हमारे देश में है। गुजरात के मशहूर शहर अहमदाबाद को दो साल पहले यूनेस्को ने विश्व की धरोहरों में शामिल किया था। इसके बाद भारत की कुल 36 ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व वाली जगहों को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा प्राप्त हो चुका है।
इस दिन को मनाने का मकसद इमारतों को सहेजने के साथ यह भी पता करना है कि किस स्मारक या स्थल को कितनी देखभाल की ज़रूरत है, ताकि वह आने वाले भविष्य में भी बची रह सके।
भारत के कुछ वर्ल्ड हेरिटेज
नालंदा यूनिवर्सिटी
तक्षशिला के बाद बिहार की नालंदा यूनिवर्सिटी को दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी माना जाता है।
कंचनजंघा नेशनल पार्क
सिक्किम का यह पार्क 1977 में बना था। यह राज्य का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है।
कैपिटल कॉम्प्लेक्स
चंड़ीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स को फ्रेंच स्विस आर्किटेक ली कोर्बुजियर ने डिज़ाइन किया था।
काजीरंगा नेशनल पार्क
असम के इस पार्क को यूनेस्को ने 1985 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया था। यह नेशनल पार्क गैंडों की बचाने के लिए बनाया गया था।
हम्पी
कर्नाटक के हम्पी में तुंगभद्रा नदी के किनारे कई पुराने स्मारक हैं।
जंतर मंतर
जयपुर के जंतर मंतर को भी इसके सांस्कृतिक महत्व की वजह से वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया है।
महाबोधी मंदिर
यह सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया पहला मंदिर है। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण ही इसे वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में जगह मिली।
रेलवे लाइंस
यूनेस्को ने दार्जिलिंग हिमालय रेलवे, पश्चिम बंगाल के नीलगिरि माउंटेन रेलवे, ऊटी और कालका-शिमला रेलवे को विश्व की प्राकृतिक विरासत में शामिल किया है।
गोवा के चर्च
गोवा में पुर्तगालियों द्वारा बनाए गए चर्च भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल हैं।
रानी की वाव
गुजरात के पाटन में बनी रानी की वाव को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल किया है।
इनके अलावा कई और भी देश की महत्वपूर्ण इमारतें हेरिटेज लिस्ट में शामिल है। यह दिन लोगों को ऐतिहासिक इमारतों को खराब न करने के प्रति जागरूक भी कराता है।
इमेज: फाउंडेशन
और भी पढ़े: सरकारी स्कूल को देख सब हैरान
अब आप हमारे साथ फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी जुड़िये।