ज़िंदगी में इंसान दो तरह के रिश्ते निभाता है, एक तो जो जन्म से आपके साथ जुड़ जाते हैं और दूसरे वह, जिन्हें आप खुद बनाते हैं। हालांकि दोनों ही संबंध आपके सुख-दुख के साथी होते हैं, लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जिसे बनाना और निभाना दोनों ही व्यक्ति के ऊपर निजी तौर से निर्भर करता है।
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो दोस्ती को बहुत महत्व देते हैं, तो नीचे दिए गए पहलुओं पर ध्यान दें। सच्ची दोस्ती के लिये यह छह ज़रूरी तत्व हैं-
स्नेह
दोस्ती में सबसे ज़रूरी तत्व स्नेह होता है। करीबी दोस्त एक दूसरे के सम्मान को सबसे ज़्यादा महत्व देते हैं और दोस्ती के एहसास से असीम आनंद महसूस करते हैं। सच्चे दोस्त एक दूसरे के साथ छोटी-छोटी चीज़ों में खुश रहते हैं, जैसे साथ घूमना-फिरना, हंसना-गाना आदि। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर परिस्थिति में वह एक-दूसरे के लिए खड़े रहते हैं।
स्थिरता
सच्चा दोस्त आपको कभी नीचा नहीं दिखाएगा और आपको कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। वह मुश्किल समय को आसान और आसान समय को और भी बेहतर बना देगा। एक सच्चा दोस्त परिवार की तरह होता है।
पारदर्शिता
दोस्ती में ईमानदारी ज़रूरी होती है। सच्चे दोस्त आपके बारे में सच्ची बातें ही नहीं बल्कि आपकी पूरी ज़िंदगी की सच्चाई को जानते हैं। वह कभी-कभी आपको आपसे से भी ज़्यादा स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। जिस तरह प्रकाश पारदर्शी चीज़ों के पार हो जाता है, उसी तरह एक सच्चा मित्र आपकी रूह को झांक सकता है।
स्पष्टवादिता
एक सच्चा दोस्त स्पष्ट बात करता है। वह आपकी भलाई चाहता है और उसके लिए बेहद ईमानदारी से बात करता हैं। एक सच्चा दोस्त दुर्लभ रत्न जैसा होता है, जिसकी दोस्ती को हमेशा संभालकर रखना चाहिए।
भरोसा
सच्चा दोस्त आपका विश्वास कभी टूटने नहीं देता। वह आपके विश्वास की तब भी कद्र करता है, जब आप वहां नहीं होते। वह आपकी बताई हुई बात को हर हालत में अपने तक सीमित रखता है।
सामान्य तौर पर यह कुछ गुण एक सच्चे दोस्त के अंदर होते ही हैं। अगर आपको लगता है कि आपके पास एक सच्चा दोस्त हैं, तो उसे कभी खुद से दूर नहीं जाने दें। एक सच्ची दोस्ती जगह की दूरी से कभी कम नहीं होती, चाहे कुछ भी हो जाए ‘दोस्ती, दोस्ती ही रहती है’।
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