डिप्रेशन यानी अवसाद आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है, लेकिन इसे लेकर जागरुकता की कमी है। यह एक मानसिक बीमारी है, लेकिन कम लोग ही इसे समय रहते समझ पाते हैं। डिप्रेशन का यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है। आइए, जानते हैं डिप्रेशन आखिर है क्या और इसके लक्षण क्या है।
क्या है मेंटल डिप्रेशन?
मानसिक अवसाद (मेंटल डिप्रेशन) एक ऐसी मानसिक अवस्था है जब व्यक्ति हमेशा दुखी, निराश और नकारात्मक रहने लगता है। दुख और निराशा तो हर किसी की ज़िंदगी में आते-जाते रहते हैं, लेकिन जब कोई लंबे समय तक इससे जूझता रहता है तो इसकी वजह है डिप्रेशन। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति ऊपर से भले ही मुस्कुराकर आपको जवाब दे दे, लेकिन दिल से कभी खुश नहीं रहता, उसे लगता है कि उसकी ज़िंदगी में कुछ अच्छा नहीं है। परिवार के साथ की बजाय अकेले रहना पसंद करता है।
डिप्रेशन की समस्या
डिप्रेशन सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में गंभीर समस्या बनती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 30 करोड़ से भी ज़्यादा लोग इसके शिकार है। डिप्रेशन यदि गंभीर हो जाए तो व्यक्ति आत्महत्या तक कर सकता है। कई मशहूर लोग डिप्रेशन में आत्महत्या कर चुके हैं।
कैसे समझे डिप्रेशन के लक्षणों को
डिप्रेशन का सही समय पर इलाज हो सके, इसके लिए इसके लक्षणों की जानकारी होना ज़रूरी है। आजकल तो किशोर उम्र के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यदि माता-पिता को इसके बारे में जानकारी होगी तभी तो वह अपने बच्चे का समय पर इलाज करवा सकते हैं।
- रोज़ाना सुबह उठने के बाद मायूस रहना
- पूरे दिन, रोज़-रोज़ थकान और कमज़ोरी महसूस होना, बिना कुछ काम किए भी
- हर गलती के लिए खुद को दोषी मानना
- किसी काम पर ध्यान लगाने में मुश्किल
- नींद नहीं आना
- किसी काम में मन न लगना
- गुस्सा या चिड़चिड़ापन
- बार-बार आत्महत्या के बारे में सोचना
- घबराहट या बेचैनी महसूस होना
- वज़न अचानक से कम होना या बढ़ना
- आत्मविश्वास के साथ किसी सवाल का जवाब न दे पाना आदि।
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इसके अलावा डिप्रेशन अन्य स्वास्थ्य स्थितियों को भी बिगाड़ देती है जैसे
- आर्थराइटिस
- अस्थमा
- कार्डियोवस्कुलर डिसीज
- कैंसर
- डायबिटीज़
- मोटापा
डिप्रेशन का इलाज
डिप्रेशन के इलाज में काउंसलिंग के साथ दवाइयों और थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके साथ ही परिवार का सहयोग और योग/मेडिटेशन की भी अवसाद दूर करने में अहम भूमिका होती है।
योग और मेडिटेशन
डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति का मन अशांत हो जाता है, ऐसे में सांस लेने और छोड़ने की कसरत, मेडिटेशन और योग का अभ्यास करने से शरीर में खास हार्मोन और न्यूरोकेमिकल्स का स्राव होता है जो मस्तिष्क को शांत करके अवसाद को कम करने में मदद करता है।
परिवार का सहयोग
इस मानसिक बीमारी से उबरने में परिवार का साथ बहुत ज़रूरी है क्योंकि व्यक्ति ज़्यादा समय उन्हीं के साथ गुज़ारता है। पीड़ित व्यक्ति के खोए हुए आत्मविश्वास को फिर से लौटाना ज़रूरी होती है, उसे इस बात का यकीन दिलाए कि उसमें बहुत क्षमता है और वह बहुत कुछ कर सकता है। उसकी बातों को सुनें और मन से डर निकालने की कोशिश करें। खासतौर पर बच्चों को शुरू से ही अपनी भावनाएं जाहिर करना सिखाएं।
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