स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी 7 अनकही बातें, जिनसे है आप अनजान

स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी 7 अनकही बातें, जिनसे है आप अनजान

स्वतंत्रता से जुड़ी दिलचस्प बातें
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ये तो हम सभी जानते हैं कि भारत को 200 साल के बाद 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी शासन से आजादी मिली थी। इस दिन के लिए ही देश के कई महान स्वतंत्रता सेनानियों व वीर सपूतों ने अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया था। तब से ही 15 अगस्त को हर साल आजादी का जश्न के रूप में मनाया जाने लगा।

लेकिन आप में से बहुत कम लोग होंगे जो इस दिन से जुड़ी भारत की कई यादों के बारे में जानते होंगे। चलिये जानते हैं स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी कुछ ऐसे 7 अनकही बातों के बारे में जिनसे आप अब तक अनजान थे…

पहली बार कब छिड़ी थी जंग 

देश पर 1858 से 1947 तक ब्रिटिशों का शासन था। इससे पहले अंग्रेजों ने ईस्ट इंडियन कंपनी का गठन किया था, जो 1757 से 1857 तक अस्तित्व में थी। स्वतंत्रता की लड़ाई पहली बार 1857 में हुई थी जिसे प्रसिद्ध रूप से 1857 का भारतीय विद्रोह कहा जाता है।

नहीं था भारत कोई राष्ट्रगान

भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद ज़रूर हो गया था लेकिन उस समय उसका अपना कोई राष्ट्रगान नहीं था। रबींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में ‘भरतो भाग्य बिधाता’ गीत लिखा था, जिसे 24 जनवरी 1950 को भारत के संविधान सभा द्वारा बदलकर ‘जन-गण-मन’ करके राष्ट्रगान के रूप अपनाया गया।

पहले झंडे का रंग था लाल, पीला और हरा

पहला राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक कलकत्ता में फहराया गया था, जिसे अब कोलकाता कहते हैं। इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था। राष्ट्रीय ध्वज का पहला संस्करण 1921 में पिंगली वेंकय्या द्वारा डिजाइन किया गया था। जो 24- तीलियों वाला अशोक चक्र के साथ भगवा, सफेद और हरा रंग वाला वर्तमान ध्वज आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था और 15 अगस्त 1947 को फहराया गया था।

स्वतंत्रता दिवस
तिरंगे का रंग था पहले अलग | इमेज : फाइल इमेज

एक ही जगह बनता है भारत का तिरंगा

भारतीय तिरंगे को बनाने और आपूर्ति देश में केवल एक ही जगह होती है। कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (KKGSS), कर्नाटक के धारवाड़ में है। जिसके पास भारतीय तिरंगे को बनाने और आपूर्ति करने का अधिकार है। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण केवल हाथ से काता और हाथ से बुनी हुई खादी की जाती है।

15 अगस्‍त का दिन ही क्यों?

लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त के दिन को ही आज़ादी का दिन इसलिए तय किया था क्योंकि  इसके पीछे खास वजह थी। असल में दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान 1945 में 15 अगस्‍त के ही दिन जापान की सेना ने उनकी अगुवाई में ब्रिटेन के सामने आत्‍मसमर्पण कर दिया था।

5 और देश मनाते हैं आजाद का जश्न

भारत के अलावा 5 अन्य देश है जो 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इनमें उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, कांगो गणराज्य, बहरीन और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।

तिरंगा फहराने की परंपरा

आजादी मिलने के बाद राज्यों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर केवल राज्यपाल ही झंडा फहराते थे। लेकिन 1973 के बाद 1974 से मुख्यमंत्रियों को भी तिरंगा फहराने का अवसर मिला। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने इस परंपरा को शुरू करने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखा, जिसमें दिल्ली में अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रथा पर प्रकाश डाला गया। इस सुझाव को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया।

आप बताइये कि आपको स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी कौन सी बात नहीं पता थी?

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