योग मन, शरीर और आत्मा को स्वस्थ रखने का प्राचीन विज्ञान है, मगर इससे जुड़े कई मिथक भी है, जो लोगों को भ्रमित करके योग का पूर्ण लाभ नहीं उठाने देते। योग से जुड़े कई मिथकों और लोगों के मन की उलतझन को दूर किया योग एक्सपर्ट ईरा त्रिवेदी ने ThinkRight.me के वेबिनार में।
सवाल – क्या योग विचारों की प्रक्रिया को बदल देता है?
ईरा त्रिवेदी – शरीर में मौजूद नेगेटिव विचारों को हटाकर नई ऊर्जा के स्वागत का आसान तरीका है योग। यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालता जिससे मन साफ होता है और विचार संतुलित बनते हैं।
सवाल – क्या शारीरिक बीमारी में भी योग किया जा सकता है?
ईरा – योग दर्द को कम करने और समय के साथ धैर्य बढ़ाने में मदद करता है। यदि आपको आर्थराइटिस है रीढ़ की हड्डी मुड़ी हुई है, तब भी योग कर सकते हैं, बस कुछ खास आसन जिनमें शरीर के इन हिस्सों का इस्तेमाल होता है या दबाव पड़ता है, वह न करें।

सवाल – क्या कोविड-19 से ठीक होने में योग मदद करता है?
ईरा – यदि आपको कोरोना के दौरान बुखार नहीं है, तो आप तुरंत योग का अभ्यास शुरू कर सकते हैं। सांस लेने की सही तकनीक, शरीर को स्ट्रेच करने वाले आसन, फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार और और रीढ़ की हड्डी को खोलने के साथ योग धीरे-धीरे आपको ठीक होने में मदद करेगा। बीमारी के दौरान सामान्य योग करें और पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद कठिन आसन कर सकते हैं।
सवाल – क्या योग सिर्फ आसन है?
ईरा – योग सिर्फ आसन ही नहीं है, बल्कि आप कैसे भोजन करते हैं, कैसा सोचते हैं, कैसा व्यवहार करते हैं, कैसे सांस लेते हैं। हां, इसकी शुरुआत आसन से ज़रूर होती है, लेकिन धीरे-धीरे आपको जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मक बदलवा महसूस होगा।
सवाल – क्या योग अभ्यास सिर्फ सुबह किया जाना चाहिए?
ईरा – आमतौर पर, सुबह खाली पेट योग करना अच्छा होता है, लेकिन बहुत से लोगों के लिए यह संभव नहीं हो पाता, इसलिए आप शाम को भी इसे कर सकते हैं। सुबह का समय इसलिए आदर्श माना जाता है क्योंकि इस समय आप शरीर के प्राण (ऊर्जा) को संतुलित करते हैं, आपकी मन की स्थिति भी अधिक संतुलित होती है और आप पूरे दिन सकारात्मक रह सकते हैं। आप अपनी दिनचर्या के हिसाब से कभी भी योग कर सकते हैं, कई बार रात में भी इसे किया जा सकता है जिससे नींद अच्छी आती है।
सवाल – क्या एसी कमरे में योग करने से इसके फायदे कम हो जाते हैं?
ईरा – कमरे का तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच रखें। इससे शरीर कुदरती रूप से सांस ले पाता है। तापमान को 18-19 जितना कम न रखें।
सवाल – क्या महिलाएं कपालभाति का अभ्यास कर सकती हैं?
ईरा – महिलाएं ज़रूर कपालभाति कर सकती हैं। मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान वह थोड़ी असहज महसूस कर सकती हैं, सामान्य स्थितियों में उनके लिए यह आसान सुरक्षित और फायदेमंद है। हां, यदि ब्लड प्रेशर बहुत अधिक है तो उन्हें इस आसान से परहेज करना चाहिए।
सवाल – क्या योग के साथ दूसरी कसरत की भी ज़रूरत है या योग ही काफी है?
ईरा – आजकल हमारी रुकी हुई जीवनशैली और गतिविधियों के कारण संतुलन बहुत ज़रूरी है। इसलिए शरीर को वॉर्म करने के लिए कुछ कार्डियो एक्सरसाइज़ करना फायदेमंद होगा। इससे कार्डियवस्कुलर मसल्स इंगेज होती हैं और जीवनशैली में थोड़ी गतिशीलता आती है। आप सुबह योग और शाम को सैर कर सकते हैं।
सवाल – योग अभ्यास के दौरान संगीत की क्या भूमिका है?
ईरा – यदि आप योग क्लास में है, तो शिक्षक की ऊर्जा आपको फोकस्ड रखती है। मगर जब आप खुद से या ऑनलाइन योग करते हैं तो मेडिटेटिव या क्लासिकल संगीत सुनने पर सकारात्मकता का अनुभव होता है।
उम्मीद है, इस लेख को पढ़ने के बाद योग से जुड़ी आपके मन की उलझन भी खत्म हो गई होगी।
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