जब हम साफ सफाई और पर्यावरण की बात करते हैं, तो नदियों की सफाई पर ध्यान देना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसी के चलते पुणे के बीस संगठन, स्थानीय नगर निगम और आम लोग मिलकर शहर में बहने वाली मुला और मुथा नदियों के तटों को साफ रखने का अभियान चला रहे हैं। इन नदियों को साफ रखने के लिए हफ्ते का एक दिन दिया जाएगा।
क्लीन-अप ड्राइव को देखेगा नगर निगम
दरअसल, नदियों की सफाई केवल सिविक बॉडी के दम पर संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा क्योंकि नदियों में कचरा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लोगों द्वारा ही डाला जाता है। यही वजह है कि पुणे नगर निगम क्लीन-अप ड्राइव की समीक्षा और लोगों को जागरूक करेगा।
ड्राइव ज़ारी रखने का फैसला
पुणे नगर निगम ने गणेशोत्सव से पहले भी क्लीन-अप ड्राइव चलाया था, लेकिन इसके बावजूद नदी दोबारा गंदी हो गई थी। इससे पता चलता है कि एक बार का कैंपेन इस समस्या का हल नहीं है, बल्कि इसके लिए नगर निगम, आम लोगों और एनजीओ को लगातार ऐसा कैंपेन चलाने की जरूरत है।
नदियों को स्वाभाविक प्रवाह देना है एजेंडा
साल 2014 में नदियों की खराब हालत समझने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से सात एनजीओ एक साथ आई थी। ‘जीवित नदी’ नाम की एनजीओ के संस्थापक निरंजन उपासने का मानना है कि हमारा ज्वाइंट एजेंडा नदियों के पानी को उनका स्वाभाविक प्रवाह प्रदान करना है।
कचरा मुक्त नदी वाला शहर
इन एनजीओ ने पुणे के कई जगहों की पहचान की है और इसके बाद इन चिह्नित स्थानों पर नदियों के पानी के प्रवाह को बाधारहित, प्रदूषण रहित करने का प्रयास शुरू किया गया, ताकि वर्ष 2020 तक नदी स्वाभाविक रूप से बहना शुरू कर दे और इसी के साथ पुणे देश का पहला ‘कचरा मुक्त नदी वाला शहर’ बन जाए।
अगर ये कोशिश रंग लाई, तो देश के अन्य राज्यों के लिए पुणे एक मिसाल बन जाएगा और नदियों को साफ करने की राह काफी आसान हो जाएगी।
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