चाहे बुजुर्गं हो या बच्चे, योग सबके लिए फायदेमंद है। योग से बच्चे बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाते हैं, तनाव कम होता है साथ ही साथ सेहत पर भी इसका अच्छा असर पड़ता है। योग आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सेहत के लिए काफी मददगार है। तो क्यों न आज ही इस दिशा में एक हेल्दी कदम बढ़ाएं और बच्चों के लाइफस्टाइल को बेहतरीन बनाया जाए। जब कोई बच्चा किसी एक योगासन में महारत हासिल करना सीख जाता है, तो यह बच्चे का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ाता है। योग से बच्चों में करुणा और धैर्य भी आता है।
1. डाउन डॉग- अधो मुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन को अष्टांग योग का बेहद महत्वपूर्ण आसन माना जाता है। ये आसन सूर्य नमस्कार के 7 आसनों में से एक है।
कैसे करें
- ज़मीन पर पेट के बल सीधे लेट जाएं।
- दोनों हथेलियों को सीने के पास लाकर ऊपर की ओर उठें।
- कूल्हे को ज़मीन से उठाएं, ताकि शरीर का आकार वी शेप जैसा बन जाए।
- अब दोनों पैरों की ओर देखें।
- सामान्य अवस्था में आ जाएं।
फायदे-
मस्तिष्क का विकास होता है, श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाता है, शरीर के ऊपरी हिस्से को मज़बूत बनाने के साथ-साथ थकान भी दूर करता है।
2 . ॐ का उच्चारण
ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है, ॐ शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है..अ उ म। अ का मतलब होता है उत्पन्न होना, उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना।
कैसे करें-
- सुखासन में बैठ जाएं।
- हाथों को ज्ञानमुद्रा में रखें या फिर दोनों हथेलियों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ें।
- लंबी सांस लेकर ॐ का उच्चारण करते हुए सांस छोड़ें।
- 3-5 बार दोहराएं।
फायदे-
इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन पहुंचती है और रक्तसंचार बढ़ता है। साथ ही ध्यान लगाने की शक्ति का विकास होता है।
3- हमिंग बी- भ्रामरी
भ्रामरी प्राणायाम का नाम भारत में पाई जाने वाली बढ़ई मधुमक्खी से प्रेरित है जिसे भ्रामरी भी कहा जाता है। इस प्राणायाम को करने के बाद बच्चों का मन तुरंत शांत हो जाता है।
कैसे करें
- सुखासन में बैठें।
- दोनों कानों को अंगूठे से बंद कर लें
- आंखें बंद करके अंगुलियों को हल्के हाथ से आंखों पर रख लें
- गहरी सांस लें और उसे छोड़ते हुए मधुमक्खी के भिनभिनाने (हम्म्म्म) की आवाज़ करें।
फायदे-
गुस्से और थकान के कारण होनेवाले तनाव को कम करता है, वोकल कॉर्ड्स को मज़बूत बनाता है, नींद की कमी को दूर भगाता है और बॉडी टिश्यूज़ को हील करने की प्रक्रिया को तेज़ करता है।
4. बो पोज़- धनुरासन
धनुरासन रीढ़ की हड्डी की शक्ति और लचीलेपन को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट पीठ झुकने योग मुद्रा है।
कैसे करें –
- पेट के बल सीधे लेट जाएं और दोनों हाथों को सीधा रखें।
- दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर लंबी सांस लें और सीने को ऊपर उठाएं।
- दोनों हाथों से दोनों पैरों की एड़ियों को पकड़ें, जिससे चित्रानुसार धनुष का आकार बन जाएगा।
- सांस छोड़कर पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
फ़ायदे
इससे सीने, कंधों, बांहों, पेट और जांघों की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। यह आसन पीठ व पैरों की मांसपेशियों को मज़बूत बनाकर बॉडी पोश्चर को सही रखता है और पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। यह मुद्रा छाती का विस्तार करती है और फेफड़ों को मज़बूत करती है।
5- बालासन
बालासन का अर्थ है बच्चों जैसा आसन। यह बच्चों के लिए काफी आसान है लेकिन इसके कई फायदे हैं। यह आसन उन बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है, जो लगातार बैठकर पढ़ाई करते हैं।
कैसे करें –
- एड़ियों पर बैठकर कूल्हों पर एड़ियां रखें
- आगे की ओर झुक कर माथे को ज़मीन पर लगाए
- अपने हाथों को आगे लाकर हथेलियों को आकाश की ओर रखें
- छाती से जांघों को हल्का दबाएं
फायदे
इससे बच्चों की रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है और पढ़ाई व प्रतियोगिता के इस दौर में उनके दिमाग को शांति मिलती है।
इन आसान योगासनों की मदद से आप अपने बच्चों के मन और शरीर को बेहतर बना सकते है, तो क्यों न आज से इन्हें करने की प्रैक्टिस की जाए। पर ध्यान रहे कि योग करते समय धीरज से काम लें। एक ही दिन में सारे योगासन करने की कोशिश न करें और साथ ही किसी की बड़े की देखरेख में करें।
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