बच्चों को कैसे सिखाएं सांस से जुड़ी कसरत

बच्चों को कैसे सिखाएं सांस से जुड़ी कसरत

गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस बच्चों को भी तनावमुक्त और सक्रिय बनाती है
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आज से एक साल पहले तक ज़्यादातर लोग व्यस्तता का बहाना बनाकर कसरत खासतौर पर सांस से जुड़ी कसरत करने से बचते थे। या फिर यूं कहें कि इसे कोई खास तवज्जो नहीं देते थे, लेकिन महामारी आने के बाद और जिस तरह से वह सांसों पर ही हमला कर रहा है इसे देखते हुए डॉक्टर्स से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स तक सभी ने लोगों को ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने की हिदायत दी। फेफड़ों को मज़बूत और स्वस्थ रखने के लिए यह बहुत ज़रूरी है। मौजूदा हालात में बीमारी और तनाव से बचने के लिए सिर्फ बड़े ही नहीं, बच्चों को भी छोटी उम्र से ही ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ सिखाना ज़रूरी है।

क्या कहती है रिसर्च?

अमेरिकन हार्ट एसोशियन के जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक, सिर्फ 5 मिनट की सांस से जुड़ी कसरत रोज़ाना करने से न सिर्फ ब्लड प्रेशर कम होता है, बल्कि व्यक्ति का संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

बच्चों के लिए सांस से जुड़ी कसरत की ज़रूरत

सांसों से जुड़ी कसरत फेफड़ों को स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर को नई ऊर्जा से भरकर शांत रखती है। इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। छोटी उम्र से ही बच्चों को सांसों से जुड़ी कसरत का अभ्यास कराने से उनका दिमाग सक्रिय रहता है और फोकस करने की क्षमता अच्छी रहती है। साथ ही तनावभरे माहौल से भी वह आसानी से निपट सकते हैं। खासतौर पर ऐसे बच्चों को परीक्षा का तनाव भी परेशान नहीं करता है। महामारी के बाद जिस तरह से बच्चे घर में बंद हो गए, उनका तनाव यकीनन कई गुना बढ़ गया है ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को दिनचर्या में शामिल करना बहुत ज़रूरी है।

बच्चों को सिखाएं कुछ मज़ेदार सांस से जुड़ी कसरत

ब्रीदिंग एक्सरसाइज़
मानसिक स्वास्थ्य के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ है जरूरी | इमेज : फाइल इमेज
फूल सूंघना

बड़ों की तरह बच्चे गंभीरता से बैठकर कोई भी कसरत नहीं कर सकते, उन्हें यदि आप कुछ सिखाना चाहते हैं तो थोड़ा मज़ेदार तरीका अपनाना होगा। फूल सूंघने का अभ्यास ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की प्रैक्टिस कराने का अच्छा और आसान तरीका है। बच्चे से कहें कि वह कल्पना करे कि वह कोई फूल सूंघ रहा है, इसके लिए नाक से गहरी सांस ले और मुंह से छोड़े। शुरुआत करने का यह अच्छा तरीका है।

खरगोश की तरह सूंघना

खरगोश की तरह बच्चे से कहें कि वह नाक से तीन बार छोटी-छोटी सांस भरें या कुछ सूंघने की कल्पना करें और मुंह से लंबी सांस छोड़ें। पहली बार में हो सकता है वह न कर पाए, लेकिन रोज़ाना अभ्यास कराने से वह सीख जाएगा और इस अभ्यास में बच्चे को मज़ा भी आएगा।

मोमबत्ती बुझाना

जन्मदिन के समय केक पर जलाई मोमबत्ती बुझाने में बच्चों को बहुत आनंद आता है। ऐसे में आप बच्चे से मोमबत्ती की कल्पना करने को कहें और मुंह से गहरी सांस भरकर मुंह से ही निकालने के लिए यानी मोमबत्ती में फूंक मारने की कल्पना करने को कहें।

सांप की तरह सांस लेना

बच्चे से कहें कि वह खुद के सांप बनने की कल्पना करें और नाक से गहरी सांस लेकर मुंह से आराम से और सांप की तरह हिस्स की आवाज़ निकालकर धीरे-धीरे सांस छोड़े।

बबल उड़ाने का अभ्यास

बचपन में आपने भी बबल बनाने वाला गेम खेला होगा। बच्चे से कहें कि वह गहरी सांस ले और जिस तरह से बबल बनाने के लिए धीरे-धीरे और देर तक सांस छोड़नी पड़ती है, वैसा ही करें।

भ्रामरी आसान

बच्चों को आप भ्रामरी आसन भी सीखा सकते हैं। इसमें नासिका से मधुमक्खी सी आवाज़ आती है। इसे करने के लिए दोनों कानों को अंगूठे से बंद करें और तीन उंगलियों से आंखों को बंद करें, दोनों हाथों की पहली उंगली माथे पर होनी चाहिए और फिर मुंह बंद करके बच्चे को नाक से ऊं का उच्चारण करने के लिए कहें, ऐसा करते समय मधुमक्खी की आवाज़ आती महसूस होगी। याददाशत बढ़ाने और तनाव घटाने में यह आसन बहुत मददगार है। इन आसान सांस से जुड़ी कसरत बच्चे की दिनचर्या में शामिल करके आप उनकी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

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