ज़िंदगी को बनाएं आसान – चीज़ों का दोबारा इस्तेमाल करना सीखें

ज़िंदगी को बनाएं आसान – चीज़ों का दोबारा इस्तेमाल करना सीखें

पैसा, समय और प्रकृति के लिए ज़रूरी है रिसाइकिल की आदत
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आज के दौर में हर कोई पैसे और समय की बचत चाहता है। इसी कारण इंसान कई बार पुरानी चीजों को दरकिनार कर सीधे नई चीजों को खरीद लेता है। लेकिन हमें भूलना नहीं चाहिए नई चीजों को खरीद कर हमने समय तो बचा लिया लेकिन अपने हिस्से का कार्बन पर्यावरण में छोड़ दिया। ये कार्बन आखिरकार हम लोगों को ही नुकसान पहुंचाएगा। वैसे भी चीजों को बार-बार इस्तेमाल करना इस देश की संस्कृति रही है।

तो आइए कुछ तरीकों से रिसाइकिल की इस आदत को दोबारा बनाते हैं –

  1. चाय के लिए कप का इस्तेमाल- चाय के लिए चीनी मिट्टी के कप का इस्तेमाल करें। इससे सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी आयेगी। जो पूरे पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा।
  2. प्लास्टिक स्ट्रा की बजाय स्टील या बंबू स्ट्रा इस्तेमाल करें – एक अनुमान के अनुसार दुनिया में रोज 50 करोड़ स्ट्रा इस्तेमाल होते हैं, जो प्लास्टिक कचरा का बहुत बड़ा कारण है।
  3. पुराने कपड़ों को फेंके नहीं – यह ध्यान रखने की ज़रूरत है कि एक मीटर कपड़ा बनाने में सैकड़ों लीटर पानी खर्च होता है। इसलिए  पुराने कपड़ों को कचरे में फेंकने की बजाय पोंछने के काम में इस्तेमाल करें। इनसे मजबूत थैले भी बनाए जा सकते हैं जो आपकी रोजमर्रा की ज़रूरतों में काम आयेंगे। इन्हें दोबारा भी पहना जा सकता है। ग्रेटा थनवर्ग जैसे बड़े पर्यावरण एक्टिविस्ट भी पुराने, उपयोग किए हुए कपड़े पहनते हैं।
  4. गिफ्ट रैपर की जगह अखबार या कागज का इस्तेमाल – आजकल गिफ्ट में उपयोग होने वाली पॉलीथिन भी प्रदूषण का बड़ा कारण है।यह एक सिंगल यूज प्लास्टिक है। जिससे निजात पाने के लिए हमें पैकिंग आदतों में सुधार करना होगा।
पर्यावरण
कुछ चीज़ों का करें फिर से इस्तेमाल | इमेज : फाइल इमेज

इन चीज़ों पर भी दे ध्यान

  1. पैड्स की बजाय एम.सी कप जैसी नई तकनीकों का उपयोग करके – आजकल ऐसी नई तकनीकें इज़ाद को जा चुकी हैं जो मासिकधर्म में अधिक कारगर हैं, जैसे कप का इस्तेमाल आदि। खासबात ये है कि इस कप को दोबारा इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
  2. गैर-ज़रूरी वेबसाइट और ईमेल को न करके – इंटरनेट के कारण कार्बन फुट प्रिंट लगातार बढ़ रहा है। शायद आपको पता होगा, फोटो अटैच किया हुआ एक मेल भेजने में 50 ग्राम कार्बन डाई-ऑक्साइड वातावरण में पहुंच जाती है। जो धरती के लिए खतरनाक है।
  3. सोच समझकर चुने अपनी गाड़ी – मोटर गाड़ी आजकल की लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन चुकी है। जिसे कभी भी खुद से अलग नहीं किया जा सकता। ऐसे में जब वायु,ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ना चाहिए। साथ ही कोशिश करें एक ही गाड़ी से घर के अधिकतर लोगों का फायदा हो।
  4. कम एनर्जी वाली चीजें करें उपयोग– एलईडी बल्ब, पांच सितारा मार्क वाले उपकरण का इस्तेमाल करें। ये बिजली का कम प्रयोग करते हैं।
  5. 33 फॉर्मूला ज़रूर अपनाएं – किसी भी चीज का खरीदने से पहले यह फॉर्मूला आजमाएं। खुद से पूछे “क्या मैने यह चीज कम से कम 33 बार इस्तेमाल की है”?

आज हमें यह तय करने की ज़रूरत है कि जितना हो सके हमें चीजों के दोबारा इस्तेमाल जैसी हेल्दी आदतों को अपनाना है। दोबारा इस्तेमाल की ये आदत हमारी जेब के साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छी है। तो आइए 33 फॉर्मूला अपनाएं और अपने जीवन को सस्टेनेबल जीवन की ओर ले चलें।

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