अगर जीवन में या समाज में कोई समस्या है, तो उसका हल भी होगा। केवल हमें उसे समझकर अपना योगदान देने की ज़रूरत है। हम सभी समाज का अहम हिस्सा है और यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम समाज में या जीवन में आई समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करें।
समाधान खोजने में एक्टिव रहे
अक्सर ऐसा होता है कि समाज में या जीवन में अगर कोई समस्या आयी, तो हम दूसरों में इसका दोष डालते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे पास समाधान खोजने में मदद करने की कोई शक्ति और जिम्मेदारी नहीं है। शिकायत या दोष देने के बजाय एक अच्छे नागरिक के तौर पर सक्रिय रुप मदद करने को हमेशा तैयार रहें या समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करें।
जिम्मेदारी लें
ज़िम्मेदारी लेना न सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर विकास में सहायक होता है बल्कि समाज को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। उदाहरण के तौर पर अगर हम खुद बाज़ार से सामान खरीदते समय प्लास्टिक की थैली नहीं लेते और दुकानदार से भी उसे न देने की विनती करते हैं तो हम समाज के लिए बहुत बड़ा काम तो नहीं कर रहे लेकिन इसी तरह से अगर हर कोई ज़िम्मेदारी ले तो पर्यावरण की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
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दूसरों को विचार शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें
मदद करने का एक अच्छा तरीका है यह भी है दूसरों को अपनी बात शेयर करने का न सिर्फ प्रोत्साहन दे बल्कि उनकी समस्या सुनकर उसकी मदद भी करेँ। कुछ लोग अपने सुझावों को आवाज़ देने से डरते हैं क्योंकि वे शर्मीले होते हैं या गलती करने के डर सताता है। अगर दूसरे बोलने का प्रयास करते हैं, तो उनकी सराहना करें। उनके विचारों को अनदेखा न करें, हो सकता है कि उस समय उनका विचार इतना प्रभावशाली न हो, लेकिन शायद परिणाम बाद में अच्छे हो।
गपशप और अफवाह से बचें
कभी-कभी समाज का नेतृत्व करने वाले ऐसे निर्णय ले सकते हैं, जो हमें प्रभावी नहीं लगते हैं। यह कोई असामान्य बात नहीं है कि जो असहमत हैं, वे अपनी निराशाओं को दूर करने के लिए एक साथ इकट्ठा होंगे। लेकिन मुश्किल तब होती है, जब लोग अफवाहों को इतना बढ़ा देते हैं कि समाज में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दुख की बात है हम किसी भी समस्या को हल करने में मदद नहीं करते हैं बल्कि कही-सुनी बातों पर अपना समय गंवाते हैं। यदि हम समाधान का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो गपशप और अफवाह से बचने का पहला कदम बढ़ाये।
खुले विचारों का होना
एक समुदाय के हिस्से के रूप में, हम विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलने से नहीं बच सकते। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि हर कोई हमारे जैसा सोचे या व्यवहार करे। विचारों और दृष्टिकोण में हमेशा थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे रहेगा। अगर हम एक संभावित समाधान सुझाने की कोशिश करते हैं और दूसरों के बेकार की बातों या कटु वचनों का समर्थन नहीं करते, तो यह गपशप और शिकायत जैसी नेगेटिव बातों को जन्म नहीं देता। दूसरों के नज़रिये से नहीं हम अपने पॉज़िटिव नज़रिया से समाज का भला कर सकते हैं।
जब हम अपने पॉज़िटिव नजरिये से समाज में बदलाव लाते हैं, तो इसका पॉज़िटिव असर ही फैलता है। फिर समस्या कोई भी क्यों न हो!
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