ज़िंदगी में कई बार ऐसे पल भी आते है, जब हमें गर्म धूप के दिन कोई अजनबी पानी ऑफर कर देता है या कभी कोई ज़रूरत पड़ी, तो दोस्त ने मदद कर दी या फिर आपने किसी की बिना शर्त सहायता करने की पेशकश की हो। ऐसे समय में मदद करने वालों का आप आभार व्यक्त करते हो और इससे आपको खुद में पॉज़िटिविटी महसूस होती है।
मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. रॉबर्ट एमन्स ने इस विषय पर काफी रिसर्च की है। उनके अनुसार किसी के प्रति आभार करना भलाई के स्रोत को पहचानना है और उसकी सराहना करना भी है।
आभार व्यक्त करने के पॉज़िटिव प्रभाव
-किसी का आभार व्यक्त करने से जीवन संतुष्टि, जीवन शक्ति और आशावाद के स्तर में बढ़ोतरी होती है। साथ ही निराशा और तनाव में कमी आती है।
-इसमें सिर्फ मानसिक ही नहीं शरीर को भी फायदा होता है। इम्युनिटी मज़बूत होती है, दर्द कम होता है और नींद पूरी होने के बाद ताज़गी महसूस होती है।
-आभार व्यक्त करने के मनोवैज्ञानिक लाभों में खुशी, आशावाद, और प्रसन्नचित जैसे पॉज़िटिव इमोशन्स शामिल है।
-किसी को आभार व्यक्त करने से सामाजिक फायदा भी होता है। जैसे कि सहायकता, उदारता, करुणा और क्षमा के गुणों का विकास होता है। अकेलेपन और अलगाव जैसी नेगेटिव भावनाओं में कमी आती है।
इसलिए आपको आभारी होने का सचेत अभ्यास लगातार करना चाहिए ताकि ज़िंदगी में पॉज़िटिव बदलाव आ सकें।
कैसे रहे आभारी?
डॉ. रॉबर्ट एम्मन्स ने कुछ सरल और आसान तरीके बताए है, जिसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आसानी से किया जा सकता है-
– अपने आभार को व्यक्त करने के लिए डायरी बना सकते हैं। इस तरह के सचेत प्रयास से आप जीवन में भलाई की सराहना कर सकते हैं।
– अच्छी बातों की गिनती करें। दिन के एक समय को चुने और खुद को याद दिलाएं कि आपके जीवन में कौन सी अच्छी चीजें हैं, जिनके लिए आपको आभारी होना चाहिए।
– आप ‘आभार व्यक्त करने का जार‘ भी तैयार कर सकते हैं जिसमें आप हर दिन थोड़े–थोड़े पैसे डाल सकते हैं। इसे करते समय आप एक छोटी प्रार्थना भी कह सकते हैं। जब जार भर जाए, तो आप यह सारे पैसे दान कर सकते हैं।
इस तरह से आप अपना आभार अभ्यास विकसित कर सकते हैं और जब आप इसे फॉलो करने लगेगे, तो आपको अपने जीवन में पॉज़िटिविटी महसूस होगी।
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