बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी, अच्छा पार्टनर और एक अच्छा मकान खरीद लेने पर हमारी ज़िंदगी सेटल हो जाएगी और हम खुश रहेंगे, लेकिन क्या सच में ऐसा हो पाता है? ये सब पाने के बाद भी इंसान की खुशी की तलाश पूरी नहीं होती, जानते हैं क्यों? क्योंकि खुशी कोई चीज़ नहीं है, जिसे आप पा सके, वो तो आपके मन के अंदर छुपी एक भावना है, जिसे बस महसूस किया जा सकता है।
यदि आप वाकई में खुश रहना चाहते है, तो खुशी के पीछे मत भागिए, बस ज़िंदगी में कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखिए।
आज में जीना सीखें
आप यह काम करेंगे, तो आगे चलकर आपको खुशी मिलेगी, इस सोच को बदल लें। इसकी बजाय आज आपके पास जो भी है, जैसे भी हालात है, उसमें खुश रहना सीखिए। मान लीजिए, अगर आज आपको कुछ पैसे मिले है, तो पूरे पैसे भविष्य के लिए न बचाएं बल्कि उससे अपनी और अपने परिवार की वर्तमान ज़रूरतें पूरी करिए, आपको अच्छा महसूस होगा। कल को बेहतर बनाने से अच्छा है कि आप अपने वर्तमान को खुलकर जिए।
खुशी कोई चीज़ नहीं है
अगर आप ये सोचते हैं कि खुशी कोई चीज़ है, जिसे खरीदा जा सकता है, तो आपका सोचना बिल्कुल गलत है क्योंकि खुशी एक भावना है, जिसे आपको अंदर से महसूस करना होगा। सोचिए, अगर आप किसी भूखे को खाना खिला देते है या दृष्टिहीन को सड़क पार करा देते है, तो आपको जो अंदर से खुशी महसूस होती है। इस खुशी को हमेशा पाने की कोशिश करें।
अपनी हॉबी पूरी करें
हर इंसान का कोई न कोई शौक होता है, जिसे वह ज़िम्मेदारियां पूरी करने के चक्कर में भूल जाता है। यदि आप खुश रहना चाहते है, तो अपने उस शौक या हॉबी को पूरा करिए। इससे आपको अंदर से खुशी होगी और आप तरोताज़ा भी महसूस करेंगे। यदि आपके पास ज़्यादा समय नहीं है, तो छुट्टी के दिन एक- दो घंटे का समय अपनी फेवरेट हॉबी के लिए निकालें।
समस्या से भागे नहीं
अक्सर लोग अपनी ज़िंदगी में आने वाली समस्याओं से भागते हैं, मगर ऐसा करके उन्हें सिर्फ दुख ही मिलता है। इससे बेहतर है कि जीवन की समस्याओं का समाधान करें और हर तरह के हालात का सामना करें। जब आप समस्या से बाहर आएंगे, तो आपको बेहतर महसूस होगा और खुशी महसूस होगी।
पैसों से नहीं खरीदी जाती खुशी
यदि आप यह सोचते हैं कि ढ़ेर सारे धन से आप अपनी ज़रूरत का हर सामान खरीदकर खुश हो सकते हैं, तो आप गलत हैं क्योंकि पैसों से खुशी नहीं खरीदी जाती। आपने बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनके पास सुख-सुविधा का सारा सामान होता है, फिर भी वह खुश नहीं रहते, क्योंकि खुश होने के लिए पैसों की ज़रूरत नहीं होती। उसके लिए आपको अपनी सोच बदलनी होगी, पॉज़िटिव नज़रिया अपनाना होगा, तब आपको अपनी छोटी सी उपलब्धि से भी खुशी मिलेगी।
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