मानसिक शांति के लिए ज़रूर करें सांस से जुड़ी 5 कसरत

मानसिक शांति के लिए ज़रूर करें सांस से जुड़ी 5 कसरत

मानसिक शांति के लिए ज़रूर करें सांस से जुड़ी 5 कसरत
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सांस से जुड़ी कसरत न सिर्फ मानसिक शांति प्रदान करती है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक रूप से मज़बूत भी बनाती है जिससे वह अपनी भावनाओं को अच्छी तरह ज़ाहिर कर पाता है। इसके अलावा इसके नियमित अभ्यास से फेफड़े मज़बूत होते हैं और सांस से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी कम हो जाता है, मगर सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सांस से जुड़ी कसरत तनाव दूर करने में बहुत कारगर है।

प्राणायाम

इसमें सांस से जुड़ी कसरत की जाती है, योग का अहम हिस्सा है। इसमें खास तरीके से सांस अंदर ली और बाहर छोड़ी जाती है। इसके नियमित अभ्यास से कई फायदे होते हैं जैसे-

  • तनाव कम होता है।
  • मानसिक शांति और सुकून का एहसास होता है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।
  • ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
  • नींद से जुड़ी परेशानी दूर होती है।
  • भावनात्मक मज़बूती मिलती है।
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प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई फायदे होते हैं । इमेज फाइल : इमेज

प्रकार

इसके कई तरह के होते हैं। आइए, आपको बताते हैं कुछ आसान प्राणायाम के बारे में जिसे आप अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

भ्रामरी प्राणायाम

यदि आपका मन शांत नहीं रहता और कोई एक ही बाद बार-बार दिमाग में घूमती रहती है तो आपको यह योग ज़रूर करना चाहे। इसे करने के लिए सुखासन या पद्मासन में आराम से बैठ जाएं। अब गहरी सांस लें और उंगलियों को ललाट पर रखें, फिर तीन उंगलियों से आंखें बंद करें और अंगूठे से कान बंद करें। मुंह बंदकरके ओम का उच्चारण करें या आप सांस छोड़ते हुए मधुमक्खी जैसी आवाज़ भी निकाल सकते हैं। इसे करने से मन शांत रहेगा।

कपालभाति

यह शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सुचारू रुप से करने में मदद करता है। इसे करने के लिए सुखासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद कर लें और गहरी सांस अंदर भरें और सांस को पूरी ताकत से बाहर की तरफ फेंके। ऐसा लगातार 20 बार करें और हर बार सांस को ताकत के साथ ही छोड़ें इससे पेट की मांसपेशियों की भी कसरत हो जाती है। शुरुआत में इसे ज़्यादा नहीं कर पाएंगे, इसलिए धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाएं।

अनुलोम विलोम

सांसों के लिए यह भी बेहतरीन कसरत है। इसके लिए आराम से सुखासन में बैठ जाएं और पीठ को सीधा रखें। अब एक हाथ को घुटने पर रखें और एक हाथ के अंगूठे से एक नाक को बंद करें और दूसरे से गहरी सांस लें, फिर तीसरी उंगली से दूसरे तरफ की नाक को बंद करें और जो पहले बंद था उस नाक से सांस छोड़ें।

नाड़ी शोधन

यह अनुलोम -विलोम की तरह ही किया जाता है, लेकिन इसमें सांस को थोड़ी देर के लिए रोककर रखते हैं। इसके बाद एक नाक से सांस छोड़कर दूसरे से सांस अंदर लें और ऐसा 10 ले 15 बार करें। इससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सही तरीके से होती है।

भस्त्रिका

आरामदायक पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और शरीर को सीधा रखें। फिर गहरी सांस लें और एकबार में ही ताकत के साथ सांस छोड़ें। ऐसा कम से कम 10 बार करें। इसमें दोनों नाक से सांस तेज़ी से लेना और छोड़ना होता है।

आप इनमें से कोई भी कसरत अपनाकर तन और मन को स्वस्थ रख सकते हैं।

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