योग हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। योग न हमें केवल कई शारीरिक बीमारियों से बचा सकता है, बल्कि मनुष्य को मानसिक रूप से मज़बूत भी बनाता है। योग के कई प्रकार हैं और हर योग अलग-अलग तरह से काम करता है। हठयोग भी योग का ही एक प्रकार है, जो इंसान के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के विकास के लिए बेहद ही ज़रूरी है।
शरीर में संतुलन बनाए रखने के लिए, मन को शांत रखने के लिए हठयोग आवश्यक माना जाता है। माना जाता है कि सबसे पहले भगवान शिव ने हठयोग किया था इसलिए इसकी मुख्य धारा शैव रही है लेकिन बाद में सिद्धों और नाथों ने हठयोग की परंपरा को जारी रखा। गोरखनाथ के अनुयायी हठयोग की साधना करते थे।
हठयोग क्या है?
हकार:कथित:सूर्य ठकारचंद्र उच्यते। सूर्य चंद्रमसौयोगाद् हठयोग निगद्यते।।
हठयोग में हठ शब्द ‘ह’ और ‘ठ’ दो अक्षरों से मिलकर बना है। इनमें हकार का अर्थ सूर्य स्वर या पिंगला नाड़ी से है और ‘ ठकार ‘ का अर्थ चंद्र स्वर या इड़ा नाड़ी से लिया गया है। इन सूर्य और चंद्र स्वरों के मिलन को ही हठयोग कहा गया है। सूर्य और चंद्र के मिलन से वायु सुषुम्ना में चलने लगता है, जिससे मूलाधार में सोई हुई कुण्डलिनी शक्ति जागृत होकर सुषुम्ना में प्रवेश कर ऊपर की ओर चलने लगती है।
हठयोग के प्रमुख अंग
षट्कर्म
षट्कर्म हठयोग में बतायी गयी 6 क्रियाएं हैं। यह आसन हमारे शरीर में शक्ति की वृद्धि करता है। इनसे हमारे अंदर सुख तथा शांति का समावेश होता है षटकर्म के अंतर्गत नेति, धौति, नौली, कपाल भाति, और त्राटक आते हैं।
आसन
आराम और स्थिरता से जिसमें बैठ सकें वही उपयुक्त आसन माना जाता है। किंतु हठयोग में अनेक आसनों का वर्णन किया गया है।
प्राणायाम
प्राणायाम का अर्थ होता है प्राण पर नियंत्रण, यानी की सांस पर नियंत्रण साधना। हठयोग में कुंडलीनी जाग्रुती के लिये प्राणायाम को एकमात्र साधन माना गया है। इसी को कुंभक कहा जाता है।
मुद्रा
हठयोग (Hatha Yoga) में आसन और प्राणायाम की तरह मुद्रा भी कंडलिनी जाग्रत करने का एक साधन है।
प्रत्याहार
ये हठयोग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रक्रिया में हम अपनी इंद्रियों को साधते हैं और जब इसकी ज़रुरत होती है तभी इनका प्रयोग करते हैं।
ध्यानासन
ध्यान लगाने के लिए किये जाने वाले आसनों को ध्यानासन कहा जाता है। इस आसन में ध्यान को साधा जाता है।
समाधि
ऋषि मुनिओं ने ऐसी आध्यात्म विद्या खोज निकली है जिससे व्यक्ति सुख शांति का अनुभव कर सकता है। इसी सिद्धांत को समाधि बताया गया है।
हठयोग के फायदे
- व्यक्ति का शरीर सशक्त, हल्का और चुस्त बनता है।
- व्यक्ति को मानसिक एकाग्रता और स्थिरता प्राप्त होती है, जिससे वह अपनी क्षमताओं को जानने में सफल होता है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को संतुलित करने में सहायक है।
- शारीरिक तनाव को कम करके शरीर में साइटोकिन हार्मोन का उत्पादन करता है। जो हमारी त्वचा को रिपेयर कर उसे बेदाग और चमकदार बनाने में मदद करता है।
- हमारी हड्डियों के लिए भी हठयोग काफी लाभदायक माना गया है। इस योग के माध्यम से हड्डियां मज़बूत होती हैं।
- मांसपेशियों से खिंचाव दूर होती है। जिसके चलते हमारे शरीर से दर्द दूर होता है।
योग हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इनका अभ्यास करने मात्र से ही व्यक्ति में कई तरह के फायदे महसूस होने लगते हैं।
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