क्या देर रात उठकर खाने की है आदत, जानिये कारण और उपाय

क्या देर रात उठकर खाने की है आदत, जानिये कारण और उपाय

आधी नींद में जोरों की भूख लगना किसी बीमारी का तो लक्षण नहीं?
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कुछ लोग खाने के इतने शौकीन होते हैं कि जब भी मन करें कुछ न कुछ खाते रहते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें डिनर करने के बाद भी आधी रात को भूख लगने लगती है। वे लोग भूख लगने पर नींद से उठकर खाने लग जाते हैं। इस आदत को नज़रअंदाज न करे क्योंकि यह कोई आम बात नहीं है। हो सकता है कि आपको नाइट ईटिंग सिंड्रोम (NES) की शिकायत हो।

नाइट ईटिंग सिंड्रोम (NES) क्या है?

एनईएस का मतलब नाइट ईटिंग सिंड्रोम यानी की देर रात खाना खाने की आदत। एक ऐसी स्थिति है, जिसमें डिनर करने के बाद भी व्यक्ति को आधी रात में ज़्यादा भूख लगने लगती है। नाइट ईटिंग सिंड्रोम (एनईएस) वाले व्यक्ति अक्सर अपने खाने पर नियंत्रण नहीं कर पाते। रात में सोते समय उठ जाते हैं और बगैर कुछ खाए सो नहीं पाते। ऐसी स्थिति में व्यक्ति ज़्यादा से ज़्यादा खाने की कोशिश करता है, उसे बिना खाए कुछ भी अच्छा नहीं लगता। नतीजा यह होता है कि वह खाने की अति करने में भी कोई संकोच नहीं करता।

ऐसा क्यों होता है?

एनईएस का सही कारण क्या है? इसका अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस समस्या का संबंध स्लीप वेक साईकल यानी देर रात तक जागते रहना और कुछ हार्मोंस में बदलाव का कारण हो सकता है। इतना ही नहीं इस समस्या को डिप्रेशन और चिंता से भी जोड़ा जाता है। इसमें व्यक्ति को ज़्यादातर सुबह के समय भूख नहीं लगती और पूरा दिन ऐसे लोग जितनी कैलोरी रात को लेते हैं उससे आधी कैलोरी ही दिन में लेते हैं। रात के समय में खाना खा लेने बावजूद सोने से पहले कुछ न कुछ खाने की तीव्र इच्छा होती है। इस बीमारी वाले व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 3-4 रात तक नींद न आने की परेशानी का शिकार भी रहते हैं। इसको इंसोमेनिया भी कहा जाता है और इस बीमारी से ग्रसित लोग ज़्यादातर शाम के समय में डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं।

नाइट ईटिंग सिंड्रोम
फ्रिज या रसोई में केवल स्वस्थ भोजन रखें | इमेज : फाइल इमेज

क्या है उपचार?

  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) : एक प्रकार की टॉक थेरेपी है, जो व्यक्ति को स्वस्थ आदतों को अपनाने में मदद कर सकती है। सीबीटी आपको दिन में अधिक खाने और रात की भूख को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • एंटीडिप्रेसेंट दवाईया : मूड को बदलने और भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए अच्छा है।  बिना डॉक्टर के सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।
  • कसरत : मन और दिमाग को शांत रखने के लिए मेडिटेशन, योग या कोई कसरत करें।  नियमित शारीरिक गतिविधि से व्यक्ति को रात में बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है।
  • स्वस्थ भोजन का चुनाव : आपके फ्रिज या रसोई में केवल स्वस्थ भोजन रखें। वसा और चीनी में उच्च खाद्य पदार्थों से छुटकारा पाने से आप रात में इनका सेवन करने से बच सकते हैं।
  • अच्छी नींद : अपने रूम को आरामदायक तापमान पर रखें और हर दिन एक ही समय पर सोने की कोशिश करें।

अपनी सेहत से जुड़ी छोटी-छोटी बातों को खास ध्यान रखें।  

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