मन को शांत रखने और फिज़ूल के विचारों से दूर रहने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा उपाय है। यदि आप भी मेडिटेशन शुरू करने की सोच रहे हैं या बस अभी-अभी शुरू किया है तो इसका ज़्यादा लाभ पाने के लिए आपको पता होना चाहिए कि मेडिटेशन के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना ज़रूरी है।
यदि आपने शुरूआत की है, तो मेडिटेशन के दौरान यह करें-
समय और स्थान का चुनाव
सुबह या शाम जब भी आपके पास समय हो आप मेडिटेशन कर सकते हैं। इसलिए एक निश्चित समय चुन लें और रोज़ाना उसी समय पर मेडिटेशन करें। इसके साथ ही मेडिटेशन की जगह का चुनाव करना भी ज़रूरी है। यदि आपके घर के बाहर गार्डन या शांत खुली जगह है तो वहां मेडिटेशन कर सकते हैं या फिर घर के किसी शांत कोने में बैठकर भी ध्यान लगा सकते हैं।
धीमी गति से शुरूआत करें
यदि आपने कुछ समय पहले ही मेडिटेशन करना शुरू किया है, तो आप पहले 5 से 7 मिनट ही मेडिटेट करें। इसके बाद समय बढ़ाते जाएं। एक अध्ययन के मुताबिक, 10 मिनट माइंडफुस मेडिटेशन करने से भी घबराहट और तनाव कम होता है।
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आदत में शुमार करें
जिस तरह आप रोज़ाना ब्रश करते हैं और नाश्ता करते हैं, उसी तरह मेडिटेशन को भी अपनी आदत बना लीजिए। एक बार आदत बन जाने पर आप इसे करना नहीं भूलेंगे, ठीक वैसे ही जैसे कभी ब्रश करना नहीं भूलतें।
मेडिटेशन के अलग-अलग प्रकार का अभ्यास
सिर्फ आंखें बंद करके ही ध्यान नहीं किया जाता है, इसके कई और भी तरीके हैं आप उनका भी अभ्यास कर सकते हैं। जैसे आप किसी स्थान की कल्पना करते हैं और उसके साथ जुड़ी भावनाओं का अनुभव करते हैं। मंत्र उच्चारण मेडिटेशन, इसमें अलग-अलग शब्दों, आवाज और वाक्यों का उच्चारण किया जाता है।
ऐप्स की मदद लें
यदि आपको लगता है कि आप खुद से अच्छी तरह मेडिटेशन नहीं कर पा रहे हैं, तो आजकल इंटरनेट पर ढेर सारे ऐप्स मौजूद हैं आप उनकी मदद ले सकते हैं।
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मेडिटेशन के दौरान यह न करें-
समय की कमी का बहाना
‘मेरे पास आज टाइम नहीं है।’ ऐसी बातें करने पर आप मेडिटेशन का पूरा लाभ नहीं उठा पाएंगें, वैसे भी आपको 15-20 मिनट ही तो निकालने हैं इसके लिए। इसलिए बहाने बनाना छोड़िए और रोजाना मेडिटेशन की प्रैक्टिस करिए।
रोज़ करें
किसी दिन अलार्म नहीं बजा, ऑफिस में ज़्यादा काम था या बीमार होने की वजह से यदि आप मेडिटेशन हीं कर पाते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन एक दिन मिस करने का यह मतलब नहीं है कि आप अभ्यास ही छोड़ दें। 1-2 दिन के अंतराल के बाद दोबारा नियमित अभ्यास शुरू करें और आपको मेडिटेशन करने और न करने का फर्क साफ पता चलेगा।
इसे समस्या के समाधान की तरह न देखें
यह सोचकर मेडिटेशन न शुरू करें कि आपकी सारी समस्याएं और चिंता दूर हो जाएगी। यह आपके दिमाग को शांत रखकर तनाव कम करने में मदद करता है, लेकिन यह कोई जादू की छड़ी नहीं है कि एक ही दिन में परिणाम दिखने लगेगा। इसके लिए आपको धैर्य रखना होगा।
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