भूख लगने पर हम सभी भोजन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ भोजन का एकमात्र उद्देश्य भूख मिटाना ही नहीं होता, बल्कि आपके शरीर और मन को स्वस्थ और शुद्ध रखना भी होता है, ऐसे ही भोजन को सात्विक आहार कहा जाता है। जो हमारी प्राचीन संस्कृति और आयुर्वेद की देन है।
क्या है सात्विक भोजन?
आर्युवेद के अनुसार, जिस भोजन में सत्व गुण की प्रधानता होती है वह सात्विक होता है और यह व्यक्ति के तन, मन को स्वस्थ, शुद्ध, ऊर्जावान और प्रसन्न रखता है। सात्विक भोजन बिल्कुल साधारण तरीके से पकाया जाता है, वैसे इसमें कच्ची चीज़ें जैसे ताज़े फल आदि भी शामिल हैं। सात्विक भोजन में ताज़े फल, सब्ज़ियां (लहसुन-प्याज़ को छोड़कर), सूखे मेवे, दूध, साबुत अनाज आदि को शामिल किया जाता है। ऐसे भोजन को बहुत ही कम तेल मसाले के साथ बनाया जाता है और हमेशा ताज़ा ही इसका सेवन किया जाता है।
सात्विक भोजन तीन भाग
आयुर्वेद में आहार को तीन श्रेणियों में बांटा गया है सात्विक, तामसिक और राजसिक।
सात्विक भोजन जहां शरीर को शुद्ध और मन को शांत करके आपको ऊर्जावान बनाता है, वहीं राजसिक भोजन शरीर को बहुत अधिक सक्रिय कर देता है जिससे बेचैनी, नींद न आने की समस्या, गुस्सा, चिड़चिडापन बढ़ता है, हालांकि ऐसा भोजन स्वाद में बहुत अच्छा होता है। तामसिक भोजन शरीर और मन को सुस्त और आलसी बना देता है। इसमें अधिक तेल, मसाले वाला वसा युक्त भोजन, बासी खाना, मांसाहारी आहार आदि शामिल है। पुराने ज़माने में साधु-संत सात्विक भोजन ही करते थें और आयुर्वेद में हमेशा व्यक्ति को सात्विक भोजन करने की ही सलाह दी जाती है।
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भोजन का समय और मात्रा होती है महत्वपूर्ण
सात्विक आहार का मतलब यह नहीं है कि आप शुद्ध और प्राकृतिक चीज़ों का सेवन जितनी चाहे उतनी मात्रा में करें। सात्विक आहार एक संपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें आहार की श्रेणी के साथ ही यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आप भोजन सही मात्रा में करें यानी न तो भूख से ज़्यादा और न भी भूख से कम। उतना ही भोजन करें जिससे आपका पेट भर जाए। हमेशा मुंह न चलाते रहें, जब भूख लगी हो तभी खाना चाहिए और खाने का एक निश्चित समय होना चाहिए। इसके साथ ही जब आप भोजन कर रहे हैं तो उस वक्त कोई दूसरा काम न करें, जैसे टीवी या मोबाइल देखना। भोजन पर ध्यान केंद्रित करके खाना चाहिए तभी उसका स्वाद पता चलता है और पेट भरने का एहसास सही समय पर होता है। इस तरह से भोजन करते पर आत्मा तृप्त होती है और मन शांत रहता है।
सात्विक आहार का विज्ञान
सात्विक आहार शुद्ध और संतुलित होता है यानी इसमें फल, मेवे, दाल, अनाज, दूध, सब्ज़ियों आदि की संतुलित मात्रा शामिल होती है, इसलिए यह शरीर को पूरा पोषण देता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है, मन प्रसन्न और शांत रहता है, विचार स्पष्ट रहते हैं। यह आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य और लंबी उम्र भी प्रदान करता है। एक अध्ययन के मुताबिक, सात्विक आहार में सबसे अधिक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होता है यानी शरीर को सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं। साथ ही भोजन जल्दी पच जाता है और पाचन तंत्र एकदम दुरुस्त रहता है। हम जो खाते हैं उसका हमारी सेहत से सीधा संबंध होता है जब आप शुद्ध और प्राकृतिक चीज़ें खाते हैं तो सेहत अच्छी रहती है और जब सेहत अच्छी रहेगी तो मन प्रसन्न और शांत रहेगा।
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