प्राकृतिक ध्वनियां सेहतमंद रखने में करती है मदद – रिसर्च

प्राकृतिक ध्वनियां सेहतमंद रखने में करती है मदद – रिसर्च

प्रकृति के गोद में मिलती है अपार शांति
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व्यक्ति में तनाव बढ़ने का एक सीधा कारण है प्रकृति से बढ़ती दूरी। अगर वह प्रकृति की लय को महसूस करें, तो मानसिक समस्याओं से राहत पा सकता है। समुद्र तट पर लहरें, पेड़ और पत्तों की सरसराहट, सुबह-सुबह चिड़ियों की आवाज़ ये सब प्रकृति की अपनी लय है। ये ध्वनियां सुनने में जितनी अच्छी और शांतिमय है, उतनी ही हमारी सेहत के लिए बेहतर है। यही साबित हुआ है ब्राइटन एंड ससेक्स मेडिकल स्कूल (बीएसएमएस) के रिसर्च में।

क्या कहती है रिसर्च?

ब्राइटन और ससेक्स मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने प्रकृति की आवाज़ों पर रिसर्च किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि ‘प्राकृतिक ध्वनियां (आवाज़ें)’ बजाने से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। प्राकृतिक आवाज़ें व्यक्ति के दिमाग में कनेक्शन को बदल देती है। इसे साबित करने के लिए बीएसएमएस ने ऑडियो वीज़ल आर्टिस मार्क वेयर के मदद से कुछ लोगों पर प्रयोग किया गया।

बीएसएमएस की टीम ने प्रतिभागियों को प्राकृतिक और कृत्रिम वातावरण से रिकॉर्ड की गई आवाज़ें सुनाई। उनके दिमाग की गतिविधियों को जानने के लिए एमआरआई स्कैनर में मापा गया। टीम ने पाया कि दिमाग के डिफॉल्ट मोड नेटवर्क में गतिविधि पीछे बजने वाली आवाज के आधार पर अलग था। कृत्रिम आवज़ से बेहतर प्राकृतिक आवाज़ सुनते समय प्रतिभागियों के दिमाग की कनेक्टिविटी फोकस को दर्शाती थी।

प्राकृतिक ध्वनियां
पक्षियों की चहचाहट से हो दिन की शुरुआत | इमेज : फाइल इमेज

प्राकृतिक ध्वनियों के परिणाम

कई लोग नींद, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को कम करने के लिए प्रकृति की सुखदायक आवाजों की मदद लेते हैं। मानसिक या अन्य शारीरिक समस्याओं से निजात देने के लिए डॉक्टर भी दवाईयो के साथ मरीज को प्रकृति में समय बिताने की सलाह देते है। इससे यह साबित होता है कि प्रकृति विशेष रूप से पक्षी, समुद्र, जंगल और बारिश की आवाज़ से मनोवैज्ञानिक तनावपूर्ण स्थितियों को दूर करने में मदद करती है। प्राकृतिक नज़ारे अपनी सुखदायक आवाज के साथ आपके मूड को तेज़ी से अच्छा बनाने में मदद करते हैं।

प्राकृतिक ध्वनियों से जुड़ने का तरीका

  • प्राकृतिक ध्वनियों को सुनने के लिए बाहरी स्थान पर योग या मेडिटेशन करके शरीर और मन को शांत रखें। एक पारंपरिक तरीका यह है कि आप पेड़ के नीचे बैठें और खुद को वन्य जीवन से जुड़ने दें, साथ ही गहरी सांसें लें और हवा में एक साथ पेड़ के पत्तों की सरसराहट की आवाज़ से जुड़ें।
  • बहते पानी की आवाज़ तनाव को कम करने में मदद करती है जिसका उपयोग मेडिटेशन के ज़रिये सालों किया जा रहा है। विचारों की गति को शांतिपूर्ण बनाने के लिए पानी की आवाज़ से जुड़ें।
  • गैजेट से कुछ समय निकालकर आसमान या पेड़ों पर पक्षियों को देखें और सुनें। पक्षियों की चहचहाट की आवाज़ सुनकर खुद को प्रकृति से जोड़ने की कोशिश करें।
  • ThinkRight.me ऐप में कई ऐसी प्राकृतिक ध्वनियों की लाइब्रेरी है, जो मन को शांत करने में मदद करती है। मेडिटेशन के दौरान आप इन ध्वनियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रकृति की सबसे बड़ी खासियत यह कि वह सभी के लिए एक समान है और सेहत को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी है कि हम सभी प्राकृतिक आवाज़ों से जुड़े और महसूस करें।

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