क्या आपको याद है कि आपने पिछली बार खुद से या दूसरों से कब और क्या वादा या प्रॉमिस किया था? जिसे पूरा करना है। वादे निभाना इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि आप चाहते हैं कि दूसरे आप पर उतना ही भरोसा करें, जितना आप उन पर भरोसा कर सकते हैं।
रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई
रामायण के इस चौपाई में कहा गया है कि रघुकुल परम्परा में हमेशा वचनों को प्राणों से ज़्यादा महत्व दिया गया है। भले ही कुछ भी हो जाए, लेकिन अपने वचन से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। फिर चाहे वह खुद से किये हो या दूसरों से।
जब आप स्वयं से या दूसरों से वादे करते हैं और उन्हें पूरा करते हैं, तो आप अपने आप में एक बेहतर और विश्वासी इंसान बन जाते हैं। जो न केवल आपको बल्कि आपके और आपके रिश्तों को भी मज़बूत करता है। आप उन लोगों के लिए भी एक सच्चे रोल मॉडल बन जाते हैं जो आपको फॉलो करते हैं।
वादा करने से क्या होता है?
व्यक्ति का जीवन पर्सनल या प्रोफेशन हो, जब वह किसी से वादा या प्रॉमिस करता है, तो वह अपना विश्वास सौंपता है। अपना प्यार दूसरों के प्रति कितना है, इसे व्यक्त करता है। यह बताने की कोशिश करता है कि वह हर हाल में आपके साथ है और उसे पूरा करने के लिए वह पूरी जान लगा देता है।
साइंस डेली के साल 2020 के रिसर्च में पाया गया है कि जिन किशोरों ने सच बोलने का वादा किया था, उनमें ‘धोखा’ देने की संभावना कम थी, जिन्होंने सच बोलने का वादा पूरा किया था।
वादे खुद के के लिए भी ज़रूरी
अपने आप से बेहतर करने या बेहतर होने के वादों को पूरा करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि दूसरों से अपने वादों को पूरा करना। जब आप खुद से कोई वादा करते हैं, तो आप अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने के लिए समय निकाल रहे होते हैं। जब हम खुद पर काम करते हैं, तो यह हमें दूसरों की बेहतर देखभाल करने की क्षमता देता है।
रिश्तों में प्यार जोड़ता है
कथनी की तुलना में करनी ज़्यादा असरदार होती है। वादे ऐसे कार्य हैं जो हमारे प्यार और दूसरों के साथ संबंध की पुष्टि करते हैं। चाहे वह संबंध दोस्ती, परिवार या अजनबियों के माध्यम से हो, वादे इस बात की पुष्टि करते हैं कि हम अपनी करुणा दूसरों तक पहुंचाना चाहते हैं।
वादों के प्रति ईमानदार रहें
ऐसे वादे न करें जो आप पूरे नहीं कर सकते। वादे हमारे रिश्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, यह भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे वादे न करें, जो आपकी व्यक्तिगत सीमाओं से बाहर हों। अगर कोई आपसे कोई वादा करने के लिए कहता है, जो आपको असहज महसूस कराता है, तो खुद के प्रति सच्चे रहें और उन्हें बताएं कि वे आपसे ऐसे वादो के लिए उम्मीद न करे,जो नहीं कर सकते। वादों को कभी भी अपनी सीमाओं से आगे नहीं जाने देना चाहिए, वरना यह रिश्तों में खट्टास ला सकते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि जीवन में आपको और आपके रिश्तो में मज़बूती और खूबसूरती हो, तो इस प्रॉमिस डे, खुद से और अपनों के साथ स्वस्थ रहने और अपनों को खुशहाल रहने का वादा करें।
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