आपसी बातचीत किसी भी रिश्ते का आधार होता है, लेकिन बातचीत यानी कम्युनिकेशन का मतलब सिर्फ अपनी बात कहना ही नहीं है, बल्कि सामने वाले की बातों को सुनना और समझना भी शामिल है। इसलिए तो बेहतर रिश्ते के लिए सिर्फ कम्युनिकेशन नहीं, बल्कि सही कम्युनिकेशन ज़रूरी है। कैसे आप सही संवाद के ज़रिए अपने रिश्ते को और मज़बूत बना सकते हैं और कौन-सी गलतियां आपके रिश्ते में दरार ला रही है? जानिए इस लेख में।
रिश्तों में संवाद की अहमियत
रिश्ता चाहे पति-पत्नी का हो, माता-पिता व बच्चों का या फिर दोस्ती का हर रिश्ते में संवाद की बहुत अहमियत है। अपनी बात और भावनाओं को सही तरीके से सामने वाले तक पहुंचाना और उनकी बातों को इत्मिनान से सुनना और समझना ज़रूरी है। इतना ही नहीं इसमें नॉन वर्बल कम्यूनिकेशन यानी बोलने का अंदाज़, बॉडी लैंग्वेज भी बहुत मायने रखता है, क्योंकि यदि कई बार आप सही बात भी बोल रहे हैं, लेकिन बोलने का तरीका ताने मारने वाला है, तो सामने वाला उसे गलत समझ लेगा और फिर रिश्तों में गलतफहमियां दीवार बनकर खड़ी हो जाती हैं। इसलिए बोलते समय शब्दों के साथ ही अपने लहज़े का भी ध्यान रखें।
रिश्तों में दरार की वजह
- अक्सर देखा गया है कि कम्युनिकेशन गैप यानी संवाद में कमी निजी रिश्तों में दरार की बड़ी वजह होती है।
- किसी बात पर नाराज़गी या गुस्सा होने पर पार्टनर आपस में बात करना ही बंद कर देते हैं, जबकि बातचीत से ही समस्या का हल निकलता है।
- सामने वाले की स्थिति को समझे बिना उसे जज करने की गलती करना।
- कुछ लोगों को लगता है कि बिना कहे ही पार्टनर दिल की बात समझ लेगा, जो बिल्कुल गलत है।
- सिर्फ अपनी बात रखना और सामने वाले की बात न सुनना।
- मतभेद होने पर बातचीत बिल्कुल बंद कर देना।
- व्यस्त जीवन से समय निकालकर एक-दूसरे के साथ समय न बिताना।
ऐसे बनाएं रिश्तों को बेहतर
पूर्वानुमान न लगाएं
मान लीजिए कि आप दोनों डिनर डेट पर जाने वाले हैं, लेकिन पार्टनर थोड़ी देर से आता है, तो अपने मन से यह अनुमान मत लगाइए कि उन्हें शायद आपके साथ जाने में दिलचस्पी नहीं है या वह आपको अहमियत नहीं देते। हो सकता है किसी काम की वजह से उन्हीं देर हो गई हो, तो बेहतर होगा कि उनसे सीधे पूछे की देरी क्यों हुई।
भावनाएं ज़ाहिर करें
आपके मन में क्या चल रहा है या आप पार्टनर को लेकर क्या सोच रहे हैं, इस बारे में खुलकर उनसे बात करें, क्योंकि बिना कहे कोई आपकी बात को सही तरीके से नहीं समझ पाएगा, चाहे वो हमसफर ही क्यों न हो। इसलिए बेझिझक अपनी भावनाएं ज़ाहिर करें।
ज़रूरत बताएं
अपनी एनिवर्सरी के दिन आप एक बड़ी पार्टी रखना चाहती हैं, लेकिन इस बारे में पार्टनर से कुछ नहीं कहतीं और उस दिन पार्टी न रखने पर पार्टनर से नाराज़ हो जाती हैं। ऐसे में भला उन्हें कैसे पता चलेगा कि आप क्या चाहती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि कपल्स आपस में बातचीत करें और एक-दूसरे की ज़रूरतों को समझें।
सिर्फ बोले ही नहीं सुने भी
रिश्ते तभी बेहतर बनते हैं जब हम अपनी बात कहने के साथ ही सामने वाले की बातों को ध्यान से सुनते भी हैं। जब पार्टनर आपसे बात कर रहे हों, तो कहीं और ध्यान लगाने की बजाय उनकी बातों पर फोकस करें और जताएं कि आप उनकी बातें सुन रही हैं।
लहज़े पर दे ध्यान
कई बार ऐसा होता है कि पति-पत्नी के बीच मामूली सी बात पर विवाद हो जाता है या उन्हें बात बुरी लग जाती है और वजह होती बात कहने का लहज़ा। पार्टनर से बात करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बात करने का तरीका या लहज़ा सही हो, यानी उससे पार्टनर के दिल को ठेस न पहुचें।
बातचीत से ही किसी भी समस्या का हल निकल सकता है, इसलिए कितना भी मनमुटाव क्यों न हो जाए कभी भी पार्टनर से बात करना बंद न करें।
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